पीएम मोदी सरकारी पैसे का उपयोग बीजेपी के ‘प्रधान प्रचारक’ के रूप में कर रहे हैं: कांग्रेस
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नई दिल्ली। वाराणसी में प्रवासी भारतीयों के सम्मेलन में पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए भाषण पर कांग्रेस ने सवाल उठाये हैं। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ऐलान करें, उद्घाटन करें, लेकिन देश का पैसा विपक्ष को गाली देने के लिए नहीं है।
उन्होंने कहा कि पीएम की वाणी कड़वी है, दुर्भावना से भरी है। प्रधानमंत्री को पिछले पांच साल के काम पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी सरकार के पैसे का उपयोग बीजेपी के ‘प्रधान प्रचारक’ के रूप में कर रहे हैं।
ईवीएम को लेकर हुए खुलासे का हवाला देते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि ईवीएम को लेकर विवाद रहा है। कई विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग को ज्ञापन दिया था कि पेपर बैलट पर वापस आया जाए। उन्होंने कहा कि ईवीएम को लेकर बनी आशंका का निवारण जरूरी है। हमारी मांग है कि कम से कम 50% VVPAT की पर्चियों की गिनती हो।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को देश के हर हिस्से में जाने का अधिकार है लेकिन इस बात पर आपत्ति है कि प्रधानमंत्री देश का पैसा खर्च करके जो यात्रा करते हैं वह विपक्ष को गाली देने के लिए नहीं है। इस पर चुनाव आयोग को गौर करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वे पूर्व प्रधानमंत्रियों का अपमान करते हैं। प्रधानमंत्री को लगता है कि जिस तरह देश के वोटरों को बहला लेते हैं, वैसे ही प्रवासी भारतीयों को भी बहला लेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी अपने स्वाभाविक रूप में बीजेपी के प्रधान प्रचारक के रूप में काम कर रहे हैं। मोदी जी की वाणी कड़वी है। वह दुर्भावना से भरे रहते हैं। हम सोचते थे कि हालिया चुनावों के बाद जो संदेश मिला है उससे वह अपनी मानसिकता बदल देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। प्रवासी भारतीय सम्मेलन में मोदी जी का भाषण पद की गरिमा पर चोट करने वाला है।
शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री को पिछले पांच साल के काम पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। प्रधानमंत्री को यह बताना चाहिए कि उनकी सरकार ने पांच साल में क्या किया है। आज देश में निवेश सात फीसदी टूटा है।
उन्होंने मेक इन इंडिया का मामला उठाते हुए कहा कि सरदार पटेल की मूर्ति देश के बाहर बनी है। मेक इन इंडिया का लोगो जिनेवा में बना है। राफेल घोटाला सामने है। फिर किस मेक इन इंडिया की बात मोदी कर रहे थे? हालांकि यह बात सही है कि किसी भी पूर्व प्रधानमंत्री को मोदी जी की तरह प्रचार करना नहीं आया।
उन्होंने सवाल किया, ‘मेक इन इंडिया’ का क्या हुआ? औद्योगिक उत्पादन दर में गिरावट क्यों आई? निवेश क्यों नहीं बढ़ रहा है? वह प्रवासी भारतीयों को कौन से ‘मेक इन इंडिया’ के बारे में समझा रहे थे? उन्हें यह समझना चाहिए कि मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने से पहले भारत का अस्तित्व था, उसका दुनिया में सम्मान था, भारत 1974 में ही परमाणु शक्ति बन चुका था और चंद्रयान एवं मंगलयान भेजा जा चुका था। ,
आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री का सारा कार्यकाल प्रचार, प्रोपोगेंडा पर आधारित रहा है। 6000 करोड़ रुपये प्रचार पर खर्च किए जा रहे हैं, जो 15 जनवरी से शुरू हो चुका है। पैसे और साधनों की कुबेर बीजेपी है और प्रधानमंत्री कहते हैं कि विपक्ष के पास धनशक्ति है! उन्होंने कहा, हमारी लड़ाई एक ऐसे प्रधानमंत्री से है जिन्होंने झूठे वादे किए, जनता को सब्जबाग दिखाया और आज भी वह संवेदनहीन हैं।