पीएम मोदी के पसंदीदा अधिकारी ने माल्या को भगाया: राहुल
नई दिल्ली। विजय माल्या प्रकरण में कांग्रेस कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। इस बार राहुल गांधी ने CBI को भी इस मामले से जोड़ते हुए आरोप लगाया कि शराब कारोबारी विजय माल्या को भगाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक करीबी अधिकारी का हाथ है।
राहुल गांधी ने ट्विटर पर कहा कि सीबीआई के संयुक्त निदेशक एके शर्मा ने माल्या के लुकआउट नोटिस को कमजोर किया जिससे माल्या भागने में कामयाब रहा।’
कांग्रेस अध्यक्ष कहा, ‘शर्मा गुजरात कैडर के अधिकारी हैं और वह सीबीआई में प्रधानमंत्री के बहुत पसंदीदा हैं।’ राहुल यहीं नहीं रुके, उन्होंने दावा किया कि ‘यही अधिकारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के भागने की योजना का प्रभारी थे।’
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष ने शुक्रवार को कहा था कि यह समझ से परे है कि इतने बड़े मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुमति के बिना सीबीआई ने लुकआउट नोटिस बदला होगा। माल्या के दावे के बाद से कांग्रेस इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली पर लगातार निशाना साध रही है।
क्या है मामला:
बुधवार को विजय माल्या ने कहा था कि भारत छोड़ने से पहले उन्होंने वित्त मंत्री से मुलाकात की थी और सभी मामलों को निपटने की बात कही थी लेकिन बैंकों ने उनके सेटलमेंट पर सवाल खड़े कर दिए थे। यह बात उसने वेस्टमिंस्टर कोर्ट से बाहर मीडिया से बातचीत में यह बड़ा बयान दिया।
माल्या के बयान पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे सिरे से नकार दिया। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ”2014 से मैंने उन्हें कोई अपॉइंटमेंट नहीं दिया था।”
विजय माल्या के बयान पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सफाई देते हुए कहा कि जब माल्या राज्य सभा सांसद थे तो इस विशेषाधिकार का उन्होंने एक बार गलत इस्तेमाल किया। मैं सदन की कार्रवाई से अपने कमरे में जा रहा था तब वह दौड़ते हुए मेरे पास आए और सेटलमेंट की बात की।
जेटली ने कहा कि मुझे उनके इस तरह के झांसे भरे प्रस्तावों के बारे में पहले बताया गया था इसलिए मैंने उनसे साफ कहा कि मुझसे बात करने का कोई मतलब नहीं। आप अपने ऑफर बैंकर को दें।
जेटली ने कहा कि माल्या के हाथों में जो कागज थे वे भी मैंने नहीं लिए। सिर्फ इस एक वाक्य के अलावा, जहां उन्होंने अपने विशेषाधिकार का गलत इस्तेमाल किया, उनसे मुलाकात का कोई सवाल ही नहीं उठता।