पीएम् मोदी की विदेश यात्राओं का खर्च हो सकता है सार्वजनिक, सीआईसी ने मांगी फाइलें
नई दिल्ली । केन्द्रीय सूचना आयोग ने प्रधानमंत्री कार्यालय से प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं से सम्बन्धित एक प्रतिनिधि फाइल मांगी है। इससे पहले इस शीर्ष कार्यालय ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इन दस्तावेजों का एक आरटीआई आवेदन के जवाब में खुलासा करने से इंकार कर दिया था।
कोमोडोर (सेवानिवृत्त) लोकेश बत्रा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके पूर्ववर्तियों की विदेश यात्राओं पर हुए खर्च की जानकारी मांगी थी। इस पर विदेश मंत्रालय ने आरटीआई कानून के सुरक्षा एवं वैयक्तिक सुरक्षा के प्रावधानों का हवाला देते हुए सूचनाएं देने से इंकार कर दिया।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने व्यक्तिगत सुरक्षा का हवाला देते हुए सूचना देने से इंकार कर दिया था। मुख्य सूचना आयुक्त राधाकृष्ण माथुर ने पीएमओ को निर्देश दिया है कि फाइलों पर गौर कर यह आकलन किया जाए कि रिकॉर्ड में क्या कोई सुरक्षा चिंताएं हैं जिसके आधार सूचना देने से मना किया जा सकता है।
माथुर ने कहा, ‘आयोग ने पाया कि फाइलों पर गौर किए बिना वह यह तय नहीं कर सकता कि मांगी गयी सूचना में सुरक्षा संबंधित सूचना है या नहीं।’ आयोग ने मंत्रालय को यह निर्देश दिया कि वह एक ऐसी प्रतिनिधि फाइल उसके समक्ष पेश करे। बत्रा ने आयोग के समक्ष कहा कि इस मामले में पर्याप्त जनहित शामिल है क्योंकि एयर इंडिया को दी जा रही पुनरुद्धार राशि, जो करोड़ों रुपए बतायी जाती है, करदाताओं की राशि है।
उन्होंने वर्तमान एवं पूर्व प्रधानमंत्री की एयर इंडिया के उड़ानों पर की गयी वायु यात्रा पर हुए व्यय का ब्यौरा मांगा था। उन्होंने आयोग को बताया कि प्रधानमंत्री की वेबसाइट पर 13 सितंबर 2016 तक दिखाया गया था कि प्रधानमंत्री द्वारा 15 जून 2014 से 8 सितंबर 2016 तक की अवधि में जो यात्राएं की गयी उनमें बिल भुगतान की प्रक्रिया में हैं या भुगतान प्राप्त नहीं किए गए।