पायलट प्रोजेक्ट से पोषण अभियान होगा अधिक सुदृढ़

पायलट प्रोजेक्ट से पोषण अभियान होगा अधिक सुदृढ़

आरा (सुमन मिश्रा) : सामुदायिक पोषण में सुधार लाने के लिए चलाये जाने वाले पोषण अभियान को सुदृढ़ करने के लिए अब प्रत्येक जिले में प्रखंड, सेक्टर या गाँव स्तर पर पायलटप्रोजेक्ट चलाया जाएगा.

राष्ट्रीय पोषण मिशन यानि पोषण अभियान के जरिये अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सभी जिलों में पायलटप्रोजेक्ट चलाने का निर्णय लिया है. इसके लिए सभी जिलों से प्रस्ताव माँगे गए है जिसके जरिए यह भी जानना चाहा है कि पायलट कहाँ पर चलाया जाएगा- प्रखंड, सेक्टर या ग्राम स्तर पर.

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा जारी पत्र के आलोक में निदेशक आईसीडीएस ने पत्र जारी करते हुए बताया है राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तौर पर कुपोषण को कम करने हेतु पोषण अभियान का क्रियान्वयन राज्य के सभी जिलों में किया जा रहा है जिसका लक्ष्य निर्धारित समय सीमा के अंदर बच्चों मेंबौनापन,अल्प वजन, दुबलापन एवं महिलाओं एवं बच्चों में एनीमिया के दर में कमी लाना है.

इस क्रम में प्रखंड, सेक्टर या गाँव स्तर पर कुपोषण को कम करने की दिशा में चिन्हित विषयों पर नवाचार गतिविधि के माध्यम से लक्षित संकेतकों को समय सीमा में प्राप्त करने के लिए पायलटप्रोजेक्ट चलाया जायेगा. इससे सेवा वितरण प्रणाली में सुधार, सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि, प्रथम पंक्ति के कार्यकर्ताओं का क्षमता वर्धन एवं सामुदायिक सहभागिता के जरिए बेहतर पोषण परिणाम दिलाने में सहयोग होगा.

इसके लिए वर्ष 2019-2020 में सभी जिलों में पायलटप्रोजेक्ट चलाया जाएगा. पायलटप्रोजेक्ट के कुशल क्रियान्वयन के लिए प्रति जिला कुल 27.85 लाख रूपये का बजट निर्धारित किया गया है. साथ ही सभी जिलों से लिखित प्रस्ताव भी मंगाए गए हैं.

इन विषयों को पायलट में किया जाएगा शामिल : पायलटप्रोजेक्ट की सफ़लता के लिए महिला एवं विकास मंत्रालय ने कुछ उद्देश्यों को शामिल किया है. जिसमें पोषण अभियान के उद्देश्यों को प्राप्त करने हेतु संबधित सभी विभागों द्वारा प्रदत सेवाओं का समन्वय, घर पर स्तनपान एवं अनुपूरक आहार को सुनिश्चित करना, बच्चों, अल्प पोषण के कारण बच्चों, किशोरियों एवं महिलाओं एनीमिया की दर में कमी लाना , गरीब परिवारों में बच्चों के लिए अनुपूरक आहार की गुणवत्ता में सुधार लाना, अति कुपोषित बच्चों की समय से पहचान एवं देखभाल हेतु प्रबंधन,बीमारी के दौरान एवं उसके बाद बच्चों के समुचित खान-पान में सुधार हेतु प्रबंधन,आँगनवाड़ी केन्द्र की सेवाओं में सुधार लाना, व्यवहारगत आदतों में परिवर्तन हेतु सुगम एवं प्रभावीसंचार एवं आँगनवाड़ी केन्द्रों की पोषण दक्ष के रूप में विकसित करना शामिल है.

इन बिन्दुओं पर बनेगा प्रस्ताव : पायलटप्रोजक्ट के प्रस्ताव के लिए एक फॉर्मेट बनाया गया है.प्रस्ताव के जरिये पायलटप्रोजेक्ट का शीर्षक, स्थान जहाँ इसे क्रियान्वानित किया जायेगा( गाँव या ब्लॉक स्तर) पर, पायलट प्रोजेक्ट के लिए संभावित टीम जैसे सीडीपीओ, लेडीज सुपरवाइजर, अन्य डेवेलपमेंट सहयोगी एवं उनके द्वारा किये जाने वाले कार्य की रूपरेखा, पायलटप्रोजेक्ट के लिए विस्तृत कार्ययोजना, पायलट के पृष्ठभूमि एवं तर्क, इससे किन समस्याओं का समाधान हो पायेगा, पायलट प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य, समयावधि एवं इससे होने वाले आपेक्षिक परिणामों के विषय में जानकारी देनी होगी.

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