पांच सितंबर को मोदी सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकेंगे कर्मचारी और किसान

पांच सितंबर को मोदी सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकेंगे कर्मचारी और किसान

नई दिल्ली। पांच सितंबर को देश के लाखो किसान और सरकारी कर्मचारी मोदी सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकने जा रहे हैं। आज़ादी के बाद यह पहला अवसर होगा जब सरकारी कर्मचारी और किसान एकजुट होकर किसी सरकार के खिलाफ रैली आयोजित कर हल्ला बोल की शुरुआत करेंगे।

अखिल भारतीय किसान सभा ने शुक्रवार को कहा कि पांच सितंबर को दिल्ली में आयोजित होने वाली रैली में देशभर के लाखो किसान और सरकारी कर्मचारी और उनके परिजन भाग लेंगे।

सभा के महासचिव हन्नान मोल्ला ने नयी दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि मोदी सरकार की नव-उदार नीतियों और कुशासन के खिलाफ चल रहे संघर्ष के तहत दिल्ली में पांच सितंबर को पांच लाख लोगों की एक बड़ी रैली आयोजित की जायेगी।

उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के बाद कर्मचारी-किसान की पहली बार और वाम लोकतांत्रिक बलों की सबसे बड़ी रैली होगी, जिसमें सीटू, एआईकेएस और एआईएडब्ल्यू शामिल होंगे।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ किसान एकजुट हैं, पांच सितंबर को होने वाली रैली में देशभर से आये किसान भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि इस रैली के ज़रिये मोदी सरकार को किसानो की दुर्दशा के खिलाफ अल्टीमेटम दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों से सरकारी कर्मचारियों में भी निराशा है। पांच सितंबर को बड़ी तादाद में सरकारी कर्मचारी अपने परिजनो के साथ बड़ी तादाद में रैली में शामिल होंगे।

उन्होंने बताया कि रैली में सभा के नेता छात्रों, युवाओं, महिलाओं, आदिवासी, दलितों और मुस्लिमों सभी वर्गों के मुद्दों पर संबोधित करेंगे। संगठन ने देशभर में नौ अगस्त को ‘जेल भरो’ आंदोलन का भी आह्वान किया है। इसी दिन 1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ शुरू किया गया था। 10 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर लिये जाने की भी योजना है, जिसे लेकर प्रधानमंत्री को सौंपा जायेगा।

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TeamDigital