पहली बार ईवीएम की फॉरेंसिक जांच के आदेश
मुंबई। देश में पहली बार किसी चुनाव में इस्तेमाल की गयी ईवीएम मशीन के फॉरेंसिक जांच के आदेश दिए गए हैं। देश में ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर छिड़ी बहस के बीच बांबे हाईकोर्ट का यह आदेश बेहद महत्वपूर्ण है।
चुनाव आयोग लगातार दावे करता रहा है कि ईवीएम में गड़बड़ी नहीं की जा सकती है। अब पहली ईवीएम की फॉरेंसिक जांच होने जा रही है।
बांबे हाईकोर्ट ने पुणे के जिलाधिकारी को आदेश दिया है कि पर्वती विधानसभा क्षेत्र के बूथ नंबर 185 की ईवीएम मशीनों को जांच के लिए हैदराबाद की सेंट्रल फॉरेंसिक लैब भेजा जाए। अदालत ने फॉरेंसिक लैब से खासतौर पर यह पता लगाने को कहा है कि क्या ईवीएम को दूर बैठे संचालित जा सकता था और क्या इनमें कोई अतिरिक्त मेमोरी चिप लगी है, जिनसे चुनाव परिणाम बदले जा सकते थे।
साल 2014 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में पुणे के पर्वती क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार अभय छाजेड़ ने ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। गौरतलब है कि इस विधानसभा क्षेत्र केे जिस बूथ पर अभय को 57 वोट मिले, वहां के 63 लोगों ने हलफनामा देकर कहा है कि उन्होंने कांग्रेस को वोट दिया था।