पर्सनल लॉ बोर्ड ने ख़ारिज किया राम मंदिर पर मौलाना नदवी का प्रस्ताव

पर्सनल लॉ बोर्ड ने ख़ारिज किया राम मंदिर पर मौलाना नदवी का प्रस्ताव

नई दिल्ली। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मौलाना नदवी के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है जिसमे मौलाना सलमान नदवी ने भूमि को राम मंदिर निर्माण के लिए सौंपने और मस्जिद दूसरे स्थान पर बनाने की बात कही थी।

कल देर रात खत्म हुई बैठक के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड की तरफ से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका ऐलान करते हुए कहा कि मुसलमानों ने बातचीत के जरिए मसले के हल की पूरी कोशिश की गई लेकिन यह संभव नहीं हो सका।

पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि सुलह की कोशिशों के दौरान दूसरे पक्ष की तरफ से एक ही जवाब रहा कि मुसलमान मस्जिद पर दावेदारी छोड़ दें लेकिन शरियत के हिसाब से हमें यह मंजूर नहीं है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड 1993 के फैसले पर कायम रहेगा।

बोर्ड के अनुसार शरियत के मुताबिक मस्जिद की जमीन किसी को न बेची जा सकती है न किसी को गिफ्ट की जा सकती है। अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है इसलिए अदालत का जो फैसला आएगा उसे हम मंजूर होगा। यह आस्था का मामला नहीं बल्कि संपत्ति का मामला है। यह किसी की न तो जीत होगी और न किसी की हार होगी.. बल्कि यह इंसाफ की फतह होगी।

वहीँ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बैठक में सलमान नदवी के फॉर्मूले का अधिकांश सदस्यों ने विरोध किया और उनके खिलाफ एक्शन लेने की जमीन भी तैयार किया गया। माना जा रहा है कि जल्द ही सलमान नदवी को ऑल इंडिया पर्सनल बोर्ड से बाहर किया जा सकता है।

गौरतलब है कि राम जन्म भूमि विवाद मामला सुप्रीमकोर्ट में चल रहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 14 मार्च को होनी है। अगली सुनवाई में ही कोर्ट तय करेगा कि इस मामले की नियमित सुनवाई होगी अथवा नहीं।

चीफ जस्टिस ने कहा- मुख्य पक्षों के अलावा अब तक जिन लोगों ने अर्ज़ी दाखिल की है, उनकी सुनवाई होगी। केस शुरू होने के बाद किसी नई अर्ज़ी को स्वीकार नहीं किया जाएगा। यूपी सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामले में कुल 504 सबूत और 87 गवाह हैं।

गुरूवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, अशोक भूषण और अब्दुल नजीर की बेंच ने कहा कि सभी पक्ष इस मामले को भूमि विवाद की तरह ही देखें।

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TeamDigital