पठानकोट अटैक: संसदीय कमेटी ने उठाए सरकार पर सवाल

Pathankot-Attack

नई दिल्ली । पठानकोट हमले को लेकर संसदीय कमेटी ने सरकार पर निशाना साधा है। हमले के लिए होम मिनिस्ट्री और खुफिया एजेंसियों में तालमेल की कमी को जिम्मेदार बताया। मंगलवार को कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अलर्ट होने के बाद भी सिक्युरिटी एजेंसियां और मिनिस्ट्री इसे रोक नहीं पाए।

सांसदों के क्रॉस पार्टी पैनल ने होम मिनिस्ट्री पर निशाना साधा और कहा कि कंक्रीट और क्रेडिबल इटेंलिजेंस इनपुट्स होते हुए भी सिक्युरिटी एजेंसियां हमला नहीं रोक सकीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकी हाई सिक्युरिटी वाले एयर बेस में आने में कामयाब रहे और एडवांस अलर्ट के बाद भी हमला कर सके। रिपोर्ट में बॉर्डर पार आये आतंकियों के आने पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि आतंकी फेंसिंग और बीएसएफ की लगातार पैट्रोलिंग के बाद भी बॉर्डर के इस पार आ गए।”

बता दें कि दो जनवरी को पंजाब के पठानकोट में एयरबेस पर 6 आतंकी घुसने में कामयाब हो गए थे। तीन दिन तक चले ओपन फायर में सात मिलिट्री पर्सनल शहीद हुए थे।

पठानकोट एयरफोर्स बेस पर आतंकवादी हमले को संसद की समिति ने बड़ी चूक के साथ सरकार की लापरवाही भी बताया । समिति ने मोदी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सूचना मिलने के बावजूद आतंकी कैसे घुस गए। इसके अलावा इस मामले में पाकिस्तान से मदद लेने की क्या जरूरत थी।

गृह मंत्रालय से संबद्ध स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जब समय रहते आतंकवादी हमले की सूचना मिली तो फिर कैसे आतंकी वायु सैनिक अड्डे में घुसे और हमले को अंजाम दिया। इसके अलावा इस हमले की जांच में पाकिस्तान सरकार से मदद मांगने और पाकिस्तान के संयुक्त जांच दल को देश में आने की अनुमति देने पर भी सवाल उठाते हुए इस फैसले का कारण जानना चाहा है। समिति ने पठानकोट वायुसैनिक अड्डे की सुरक्षा व्यवस्था को कमजोर बताते हुए इस पर चिंता जतायी है।

सूचना मिलने पर भी मुस्तैद क्यों नहीं हुआ सुरक्षा तंत्र
कांग्रेस नेता पी भट्टाचार्य की अध्यक्षता वाली 31 सदस्यीय समिति ने आज संसद में अपनी रिपोर्ट पेश की। इसमें कहा गया कि सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवादियों द्वारा अपहृत पंजाब पुलिस के अधीक्षक सलविंदर सिंह और उनके मित्रों से हमले के बारे में ठोस जानकारी मिल गयी थी।

इसके अलावा एजेंसियों ने आतंकवादियों और उनके आकाओं के बीच हुई बातचीत के अंश भी पकड़े जिनमें एक सुरक्षा प्रतिष्ठान पर हमले योजना का पता चला था। समिति ने कहा है कि इतनी जानकारी मिलने के बाद भी सुरक्षा एजेंसी इस हमले को विफल नहीं कर पाई। इससे पता चलता है कि वे इस तरह के हमलों से निपटने के लिए तैयार नहीं हैं।

पाक खुफिया एजेंसी ने आतंकी हमले में की मदद
समिति की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अब तक की जांच से यह भी सामने आया है कि इस हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद का हाथ है। समिति का यह भी मानना है कि यह हमला पाकिस्तान की सुरक्षा तथा खुफिया एजेंसियों की मदद के बिना नहीं हो सकता। उसने इस हमले की जांच में पाकिस्तान सरकार से मदद लेने तथा वहां के संयुक्त जांच दल को भारत आने देने के सरकार के निर्णय पर भी सवाल उठाया है।

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