नोट बंदी पीएम मोदी की गलती नही बल्कि बड़ा घोटाला

नोट बंदी पीएम मोदी की गलती नही बल्कि बड़ा घोटाला

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट में पुराने नोटों की वापसी को लेकर हुए खुलासे के बाद कांग्रेस ने नोट बंदी के मुद्दे पर मोदी सरकार पर अपने हमले तेज कर दिए हैं।

इसी क्रम में कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने से ठीक एक दिन पहले आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी मुख्यालय से केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला।

रिजर्व बैंक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अब साबित हो चूका है कि नोट बंदी एक बड़ा घोटाला था। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का इरादा काला धन बाहर लाना नही बल्कि देश के बड़े उद्योगपतियों के काले धन को सफेद करना था। इसलिए नोटबंदी कोई गलती नहीं थी, नोटबंदी जानबूझकर बड़े उद्योग घरानोंके लिए रास्ता खोलने के उद्देश्य से की गई थी।

राहुल ने आरोप लगाया कि, प्रधानमंत्री ने नोटबंदी, 15-20 उद्योगपतियों, जिन पर बैंक का कर्जा था। मोदी ने आम आदमी की जेब से पैसा निकाल कर सीधा इन उद्योगपतियों की जेब में डाला।

राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी के ज़रिये पीएम मोदी के अपने मित्रों के काले धन को सफेद करने का काम किया। अहमदाबाद जिला को-ऑपरेटिव बैंक, जिसके डायरेक्टर अमित शाह हैं उस बैंक ने 750 करोड़ रुपये पुराने नोट बदले।

राहुल गांधी ने कांग्रेस नेताओं पर अनिल अंबानी द्वारा कांग्रेस नेताओं पर किए गए मानहानि के मुकदमों पर कहा कि जिनते भी मानहानि के मुकदमे करने हैं, कर लें सच्चाई बदलने वाली नहीं है।

बता दें कि रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि नोट बंदी के दौरान प्रतिबंधित किये गए एक हज़ार और पांच सौ रुपये की कीमत वाले 99.30% नोट वापस आ गए।

वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि 8 नवंबर, 2016 को 15,417.93 अरब रुपये की वैल्यू के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट सर्कुलेशन में थे। इसके बाद इनमें से जितने नोट वापस आए हैं, उनकी कुल वैल्यू 15,310.73 अरब रुपये है।

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TeamDigital