नोटबंदी का फ़टका: भारत से छिना सबसे तेजी से विकास कर रही अर्थव्यवस्था का ‘टैग’

नई दिल्ली। वर्ष 2017 की पहली तिमाही में मोदी सरकार को बड़ा झटका लगा है। भारत की जीडपी ग्रोथ दर में गिरावट से अब भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश नहीं रह गया है।

भारत से कहीं ज्यादा गति के साथ पड़ोसी देश चीन की जीडीपी दर बढ़ रही है। ये आंकड़े साल 2017 के पहले तिमाही के हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ दर 6.1फीसदी रही, तो चीन की जीडीपी ग्रोथ दर 6.9 प्रतिशत रही। केंद्र सरकार ने ये आंकड़े जारी किए हैं, जो कि देश के विकास के लिए ज्यादा अच्छी खबर नहीं लेकर आएं हैं।

नरेंद्र मोदी सरकार के लिए जीडीपी के नए आंकड़ों से निराशा हाथ हुई हैं। इस साल की तिमाही को छोड़ भी दें, तो पिछले साल यानि 2016 में देश की जीडीपी 7.1 फीसदी की दर से बढ़ी, जो 8 फीसदी के अनुमानित दर से कम की रही। विदेशी समाचार एजेंसी रायटर्स के पोल में शामिल 35 अर्थशास्त्रियों ने अंदाजा लगाया था कि देश की जीडीपी पिछले तिमाही में 7.1 फीसदी की दर से बढ़ेगी, जो लगभग सटीक रहा।

जीडीपी ग्रोथ दर में गिरावट आने की वजह नोचबंदी को भी माना जा रहा है, जिसमें केंद्र सरकार ने बड़े नोटों को एक झटके में चलन से बाहर कर दिया था। हालांकि बाद में केंद्र सरकार ने 500 और 2000 के नोट छापकर बाजार में नोटों की सप्लाई सुनिश्चित करने की कोशिश की थी।

जीडीपी ग्रोथ रेट में गिरावट की सबसे बड़ी वजह फाइनेंसियल, रियल इस्टेट और सेवा के क्षेत्र में गिरावट भी हो रही है। देश के फाइनेंसियल, सेवा और रियल इस्टेट में इस तिमाही महज 2.2 फीसदी ग्रोथ रिकॉर्ड की गई। वहीं, कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी सिर्फ 3.7 फीसदी की ही बढ़ोतरी हुई। मिजुहो बैंक के स्ट्रेटजिस्ट तीर्थांकर पटनायक का कहना है कि चौथी तिमाही के आंकड़े निराश करने वाले हैं। ये नोटबंदी की वजह से है।

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TeamDigital