नोटबंदी: सरकार के दावो से मेल नही खाती रिज़र्व बैंक की रिपोर्ट
नई दिल्ली । नोटबंदी को लेकर सरकार की तरफ से लगातार ये दावे होते रहे हैं कि नोटबंदी का फैसला रिज़र्व बैंक की सलाह पर लिया गया । केंद्र सरकार के कई मंत्रियों ने अलग अलग मौको पर इस बात का उल्लेख किया कि नोटबंदी लागू करने की सलाह रिज़र्व बैंक की थी ।
वहीँ संसद की समिति को रिज़र्व बैंक की तरफ से भेजे गए जबाव में सरकार के दावो के विपरीत इस बात का उल्लेख है कि नोटबंदी लागू होने के केवल एक दिन पहले ही यानि कि 07 नवंबर को सरकार ने आरबीआई को नोटबंदी के मसले पर विचार करने का आग्रह किया था। उसके अगले ही दिन आठ नवंबर को आरबीआई ने उस पर अपनी सहमति दी और शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में नोटबंदी के फैसले का ऐलान किया।
तरीको के उल्लेख से पता चलता है कि जब 7 नवंबर 2016 को रिज़र्व बैंक ने सरकार से नोटबंदी पर आग्रह किया और 8 नवंबर को नोटबंदी लागू कर दी गयी, इससे पता चलता है कि सरकार ने नोटबंदी लागू करने से पहले गहन विचार नही किया । साफ़ ज़ाहिर होता है कि नोटबंदी लागू करने का निर्णय सरकार का था जबकि रिज़र्व बैंक को सिर्फ सूचनार्थ बताया गया था ।
It's clear now Noteban was Modi's decision: RBI was 'informed'&fell in line. No disc of costs&impacts. PGoyal lied that it was RBI decision! pic.twitter.com/nrDZJkF0BW
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) January 10, 2017
उसके आठ दिन बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में नोटबंदी पर बहस के दौरान कहा था कि नोटबंदी का निर्णय आरबीआई बोर्ड ने लिया था। उन्होंने कहा था, ”यह निर्णय रिजर्व बैंक के बोर्ड ने लिया और इस निर्णय को सरकार के पास भेजा और सरकार ने इस निर्णय की सराहना करते हुए, कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी कि पांच सौ और एक हजार के पुराने नोटों को रद किया जाए और नए नोट आएं।”
अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक सरकार की इस सलाह पर गौर करने के लिए अगले ही दिन आरबीआई सेंट्रल बोर्ड की बैठक हुई और विचार-विमर्श करने के बाद 500 और 1000 के नोटों को वापस लेने और उनकी कानूनी वैधता खत्म करने संबंधी सरकार की सलाह पर अपनी सहमति की मुहर लगा दी। यानि कि उसी शाम यानी आठ नवंबर को प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन में उसी मध्यरात्रि से नोटबंदी के फैसले का ऐलान कर दिया।
हालांकि इस रिपोर्ट के साथ आरबीआई ने इसकी पृष्ठभूमि और तैयारियों से संबंधित शीर्षकों में कहा है कि उसने जाली नोटों, आतंकियों की फंडिंग और काला धन पर लगाम लगाने के लिए सरकार को कई सलाहें दी थीं, उनमें से नोटबंदी लागू करने की सलाह भी दी गई थी।