नोटबंदी पर बीजेपी में सब कुछ ठीक नही है, सांसद कर रहे 50 दिन पूरे होने का इन्तजार
ब्यूरो (राजा ज़ैद)। लोकसभा में 282 सीटों वाली भाजपा में सबकुछ ठीक नही है । नोटबंदी पर जनता को हो रही परेशानियों से त्रस्त कुछ सांसद बेहद नाराज़ हैं और वे कभी भी सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ खुलकर सामने आ सकते हैं । बीजेपी सूत्रों के अनुसार अपने क्षेत्रो में जनता से मिल रही फीडबैक बीजेपी सांसदो के लिए बड़ी चिंता का विषय है ।
सूत्रों ने बताया कि नोटबंदी के फैसले से नाराज़ सरकार अधिकतर सांसद उत्तर प्रदेश से हैं । उत्तर प्रदेश में 2017 में होने जा रहे विधानसभा चुनावो में अभी से नोटबंदी का असर देख रहे सांसदों की चिंता यही है कि यदि जल्द हालात नही सुधरे तो उनके संसदीय क्षेत्र में आने वाली सभी विधानसभा सीटो पर बीजेपी का सूपड़ा साफ़ होना तय है ।
सूत्रों ने बताया कि नोटबंदी के बाद सरकार की तरफ से आ रहे नए नए फैसलो ने बीजेपी सांसदों के लिए बड़ी मुश्किल पैदा कर दी है । सूत्रों ने बताया कि सांसदों का कहना है कि प्रधानमंत्री प्लास्टिक मनी और डिजिटल पेमेंट की बात करते हैं लेकिन जब सांसद अपने क्षेत्र के गाँवों में गरीब किसानों को देखते हैं तो उन्हें अहसास होता है कि अशिक्षित और गरीब किसानों के बीच जाकर उनसे डिजिटल पेमेंट और प्लास्टिक मनी की बात करना उनका मखौल बनाने से कम नही होगा ।
नोटबंदी पर बीजेपी सांसदों के लिए एक मुश्किल नही है । बैंको और एटीएम पर लग रही लंबी लाइने कम होने का नाम नही ले रहीं । जनता अपने जनप्रतिनिधियों से सवाल कर रही है जिसका जबाव बीजेपी सांसदों के पास नही है । सूत्रों ने बताया कि अधिकतर बीजेपी सांसदों का मानना है कि प्लास्टिक मनी और डिजिटल पेमेंट की बात शहरी स्तर पर तो ठीक है लेकिन गाँव देहात के लिए एक बड़ा मज़ाक है ।
सूत्रों ने बताया कि अधिकतर सांसद नोटबंदी पर प्रधानमंत्री के पचास दिनों के वादे का इंतज़ार कर रहे हैं लेकिन उन्हें नही लगता कि पचास दिन बाद भी हालातो में कोई बड़ा बदलाव आएगा ।
फिलहाल बीजेपी में तूफ़ान आने से पहले जैसे ख़ामोशी है लेकिन इतना तय है कि नोटबंदी के पचास दिन पूरे होते ही बीजेपी सांसदों का गुस्सा कभी भी बाहर आ सकता है ।