नोटबंदी ने आतंकवाद की ऐसी कमर तोड़ी कि 30 दिन में हो गए 45 सैनिक शहीद

नोटबंदी ने आतंकवाद की ऐसी कमर तोड़ी कि 30 दिन में हो गए 45 सैनिक शहीद

नई दिल्ली। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नोट बंदी लागू करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि इससे आतंकवाद की कमर टूटेगी।

तेजस्वी ने कहा कि नोट बंदी ने आतंकवाद की ऐसी कमर तोड़ी है कि पिछले तीस दिनों में 45 सैनिक शहीद हो चुके हैं। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि “मोदी जी की नोटबंदी ने आतंकवाद की ऐसी कमर तोड़ी कि विगत एक माह में हमारे 45 बहादुर सैनिक शहीद हो चुके हैं। ऊपर से मोहन भागवत का सेना ज्ञान।”

एक अन्य ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा कि “बिहार में दो जांबाज सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए, लेकिन नीतीश सरकार का एक भी मंत्री वीर जवानों को श्र्द्धांजलि देने नहीं आया और अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ। नीतीश जी संघ के वकील मत बनिए। ये राजनीतिक आरोप नहीं, शहीदों के सम्मान की बात है।”

वहीँ दूसरी तरफ शहीद हो रहे सैनिको को लेकर कांग्रेस ने भी मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि देश की सुरक्षा के साथ आए दिन समझौता हो रहा है तथा सरकार चुपचाप बैठी है।

पार्टी ने कहा कि सरकार के 44 माह के शासनकाल में आतंकी घटनाओं, संघर्षविराम उल्लंघनों तथा जम्मू कश्मीर में जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों एवं नागरिकों की संख्या में कई गुना की वृद्धि हुई है।

सिंघवी ने बुधवार को कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के पास सेना, सीमा सुरक्षा बल सहित सारे सुरक्षा बल हैं, संचार मंत्रालय है, वित्त मंत्रालय है, विदेश मंत्रालय है, फिर भी इन सवालों का कोई जवाब नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि इन सवालों पर सरकार ने पिछले 42 महीनों में इन सवालों पर ‘सन्नाटे वाली चुप्पी’ साध रखी है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सरकार के शासनकाल के पिछले 44 माह में 286 जवानों और 138 नागरिकों की जान जा चुकी है जबकि पिछली सरकार के शासनकाल में यह संख्या क्रमश: 115 और 72 थी।

सिंघवी ने कहा कि इस सरकार के शासनकाल के 44 माह के दौरान पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाएं पांच गुना बढ़कर 2555 हो गई जो संप्रग सरकार की इसी अवधि में 543 थीं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार तथा उनकी पार्टी के अध्यक्ष को इन सवालों का जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इनके उत्तर में हमें राष्ट्रवाद का पाठ मत पढ़ाइएगा।

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TeamDigital