नेशनल हेराल्ड मामले में आयकर विभाग करेगा जांच
नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामले में आज दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और उनके पुत्र राहुल गाँधी से जुडी संस्था यंग इंडिया को बड़ा झटका देते हुए आयकर विभाग की जांच रोकने से इंकार कर दिया। हाईकोर्ट के इंकार के बाद अब सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी को आयकर विभाग की जांच का सामना करना पड़ेगा।
गौरतलब है कि इस मामले में पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने भी सोनिया-राहुल गांधी के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे जिसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी।
क्या है मामला :
नेशनल हेरल्ड केस की नींव साल 2008 में पड़ी जब नेशनल हेरल्ड अखबार को चलानेवाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड पर 90 करोड़ का कर्ज चढ़ गया था और इस कर्ज की वजह से अखबार को बंद करना पड़ा. एजीएल को ऋणमुक्त करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी कोष से 90 करोड़ का कर्ज दिया।
कर्ज देते वक्त सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष थीं और उस समय सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज ने मिलकर पांच लाख की राशि से एक नई कंपनी यंग इंडिया बनाई। इस कंपनी में सोनिया और राहुल गांधी की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी थी और बाकी दोनों नेताओं की 12-12 फीसदी हिस्सेदारी थी।
यंग इंडिया ने एसोसिएटेड जर्नल्स का कर्ज चुकाने के लिए शर्त रखी थी कि 90 करोड़ के कर्ज के बदले एसोसिएटेड जर्नल्स 10-10 रुपये कीमत के 9 करोड़ शेयर यंग इंडिया के नाम करेगा। 9 करोड़ के शेयर एसोसिएटेड जर्नल्स की कुल संपत्ति के 99 फीसदी के बराबर थे।
इस सौदे की वजह से सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कंपनी यंग इंडिया को एसोसिएटेड जर्नल्स की संपत्ति का मालिकाना हक मिल गया। इसी सौदे को आधार बनाकर सुब्रमण्यम स्वामी ने साल 2012 में सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ धोखाधड़ी और दूसरे मामलों के तहत कोर्ट में याचिका दायर की।