नीतीश के फैसले के खिलाफ जदयू में बगावती सुर

नीतीश के फैसले के खिलाफ जदयू में बगावती सुर

नई दिल्ली। बिहार में कल से शुरू हुई सियासी उठापटक अभी जारी है। जहाँ एक तरफ जदयू नेता नीतीश कुमार ने महागठबंधन तोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है वहीँ नीतीश के फैसले से उनकी पार्टी के अंदर ही सवाल उठना शुरू हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शरद यादव से चर्चा की है। गुरुवार को ही लालू यादव ने भी कहा कि वो शरद यादव से बात करेंगे।

वहीँ सूत्रों के हवाले से आ रही खबरों में कहा गया है कि जदयू के कम से कम 2 दर्जन विधायक नीतीश कुमार के फैसले से खुश नहीं हैं और वे किसी भी समय नीतीश के फैसले के खिलाफ खड़े हो सकते हैं।

जनता दल यूनाइटेड के सांसद अनवर अली ने नीतीश के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि बीजेपी के साथ जाना उनके ज़मीर के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर बीजेपी के साथ सरकार बना रहे हैं, लेकिन मेरी अंतरात्मा इस बात को नहीं मानती है। अगर मुझे अपनी बात कहने का मौका मिलेगा, तो मैं पार्टी के मंच पर अपनी बात जरूर रखूंगा।

वहीँ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अभी कुछ और विधायक और सांसद नीतीश के फैसले के खिलाफ बागी हो सकते हैं। नीतीश के फैसले का विरोध कर रहे 5 विधायक मुस्लिम हैं और 11 विधायक यादव समुदाय से बताये जाते हैं। पार्टी विधायक बिजेंद्र यादव ने कहा कि बिहार की जनता ने नीतीश और लालू को एक साथ चुना था। अब नीतीश के पास सबसे बड़ी चुनौती बहुमत की ही है।

वहीँ जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने कहा कि इस फैसले से गलत संदेश जाएगा। हालांकि जेडीयू नेता केसी त्यागी ने शरद यादव से फोन पर बात की है, उन्हें मनाने की कोशिश की है। ऐसे में अंकों का गणित महत्वूर्ण हो जाता है क्यों कि जेडीयू विधायकों पर शरद यादव का अपना प्रभाव है।

केरल इकाई ने तोड़े संबंध :

जनता दल-युनाइटेड (जदयू) की केरल इकाई ने गुरुवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन का विरोध किया और कहा कि वह उनके साथ अपना संबंध तोड़ रही है। जदयू की केरल इकाई के प्रमुख व राज्यसभा के सदस्य

वीरेंद्र कुमार ने यहां संवाददाताओं को बताया कि वह फासीवादी शक्तियों के खिलाफ लड़ाई में उच्च सदन से इस्तीफा देने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने कहा, “इसकी जो भी कीमत होगी, हम चुकाने के लिए तैयार हैं।”

उन्होंने कहा, “हमें जदयू का राजग के साथ गठबंधन स्वीकार नहीं है और नीतीश कुमार के साथ हमारे संबंध समाप्त हो चुके हैं। यह चौंकाने वाला है कि नीतीश कुमार राजग में शामिल हो गए। हम सभी ने सोचा था कि वह फासीवादी प्रवृत्तियों के खिलाफ जंग करेंगे लेकिन वह अब इसका एक हिस्सा बन गए हैं।”

वीरेंद्र कुमार ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव और बिहार में पार्टी के विधायक नीतीश कुमार के निर्णय को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं शरद यादव और जदयू विधायकों को फोन कर कहूंगा कि वे कहें कि हम इसे स्वीकार नहीं करते हैं।”

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