निठारी काण्ड में सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को फांसी की सजा

निठारी काण्ड में सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को फांसी की सजा

नई दिल्ली। निठारी हत्याकांड को लेकर सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने मुख्य आरोपी मनिंदर सिंह पंढेर व सुरेंदर कोली को फांसी की सजा सुनाई है। सीबीआई की विशेष अदालत ने व्यवसायी मनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को एक 20 वर्षीया युवती के अपहरण, हत्या और दुष्कर्म तथा आपराधिक साजिश रचने का दोषी करार दिया था।

ये वो केस है जिसमें अगर 20 साल की मेड लापता नहीं होती तो ये केस खुल ही नहीं पाता। दरअसल 5 अक्टूबर 2006 को ये मेड लापता हुई थी और 21 दिसंबर को उसका फोन अचानक चालू हुआ। इसके बाद उसकी लोकेशन खंगालती पुलिस सुरेंदर कोली तक पहुंच गयी थी। ये एक ही लड़की थी जो इस केस में बालिग़ थी।

राष्ट्रीय राजधानी से सटे नोएडा के निठारी में दुष्कर्म और हत्या के कई मामलों में से एक में शनिवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने व्यवसायी मनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को एक 20 वर्षीया युवती के अपहरण, हत्या और दुष्कर्म तथा आपराधिक साजिश रचने का दोषी करार दिया। सीबीआई ने 29 दिसंबर, 2006 को यह मामला दर्ज किया था और यह निठारी कांड में दर्ज आठवां मामला है।

सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने दोनों को दोषी करार दिया। फैसला सुनाए जाने के वक्त कोली और पंढेर अदालत में ही मौजूद थे। अदालत का फैसला आने के तुंरत बाद दोनों को हिरासत में ले लिया गया। पंढेर जमानत पर रिहा चल रहा था। अदालत दोनों के खिलाफ सजा 24 जुलाई को सुनाएगी।

अदालत ने अभियोजन पक्ष के वकील जे. पी. शर्मा की दलीलों पर गौर किया। शर्मा ने अदालत से कहा कि वैज्ञानिक तथ्यों से यह साबित हो चुका है कि कोली ने युवती का अपहरण किया, उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी। उसने सबूतों के साथ छेड़छाड़ भी की।

बता दें, निठारी में रहने वाली युवती एक मेड थी। वह 5 अक्टूबर 2006 को एक कोठी में काम करने के लिए गई थी। काम खत्म करने के बाद उसने कोठी में ही पहले कुमकुम नाम का सीरियल देखा और उसके बाद घर के लिए रवाना हुई, लेकिन घर नहीं पहुंची। उसके पिता ने नोएडा के सेक्टर-20 थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

वहीं, लगातार लापता हो रहे बच्चों को लेकर निठारी पुलिस पहले से ही परेशान थी। पुलिस ने 29 दिसंबर 2006 को निठारी कांड का खुलासा करते हुए कोठी नंबर डी-5 से सुरेंद्र कोली और मोनिदंर सिंह पंढेर को गिरफ्तार किया। कोली की निशानदेही पर पुलिस ने कोठी से बच्चों की चप्पल, कपड़े व बाकी सामान भी बरामद किया था। इसके अलावा पुलिस को कोठी के पीछे के नाले से कई कंकाल व खोपड़ियां भी मिली थीं।

इस घटना का खुलासा होने के बाद लापता युवती के परिजन भी कोठी नंबर डी-5 पहुंचे थे और उन्होंने वहां युवती के कपड़ों की पहचान की। इसके बाद केस सीबीआई को ट्रांसफर किया गया था। सीबीआई ने कोली के खिलाफ युवती का अपहरण, रेप और हत्या करने का मुकदमा दर्ज किया। इस मामले में सीबीआई ने 46 गवाहों को पेश करके उनके बयान दर्ज कराए थे। वहीं, बचाव पक्ष की तरफ से 3 गवाह पेश किए गए।

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