नहीं चाहिए खून के दाग से बना राम मंदिर: महंत ज्ञानदास
लखनऊ । हनुमानगढ़ी के महंत ज्ञानदास जी महाराज ने साफ़ शब्दो में कहा है कि खून-खराबे से बने राम मंदिर की कोई ज़रूरत नहीं है । उन्होंने कहा कि प्रभु राम जब चाहेंगे, अयोध्या में उनका मंदिर बन जाएगा। हमें खून के दाग से बना राम मंदिर नहीं चाहिए।
उन्होंने खुलासा किया कि बाबरी मस्जिद के मुद्दई हाशिम अंसारी और हम आपसी बातचीत से अयोध्या विवाद के हल के लिए तैयार हो गए लेकिन दुकान बंद हो जाने के डर से विश्व हिंदू परिषद ने इसे परवान नहीं चढ़ने दिया।
अयोध्या में भजन संध्या स्थल के शिलान्यास समारोह में लखनऊ के कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री निवास आए महंत ज्ञान दास ने विहिप पर जमकर निशाना साधा। कहा कि राम मंदिर के नाम पर कुछ लोग देश भर में दुकान चला रहे हैं, राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। साधु समाज इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।
हमें ऐसा राम मंदिर नहीं चाहिए जो खून के दाग से बने, हम दूध से बनने वाला मंदिर चाहिए। कुछ लोग कहते हैं अयोध्या में राम मंदिर नहीं बन पाएगा। उन्होंने कहा, जिसकी भृकपटि तनने से सृष्टि का नाश हो सकता है, उस रघुनंदन की जिस दिन इच्छा होगी मंदिर बन जाएगा। दुकान चलाने वाले (विहिप) के लोग मंदिर नहीं बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि हाशिम अंसारी अब दुनिया में नहीं रहे। मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री काल में वह और हम राम मंदिर के लिए सुलह को तैयार हो गए थे लेकिन दुकानदारों (विहिप नेताओं) ने कोशिश कामयाब नहीं होने दी।
हिंदू-मुसलिम को लड़ाने वाले पशु समान
ज्ञानदास ने कहा, यह देश किसी एक का नहीं है। हिंदुस्तान में रहने वाले सभी हिंदुस्तानी हैं। हिंदू, मुसलिम, सिख, ईसाई आपस में भाई हैं। सबमें ईश्वर का वास है। हिंदू-मुसलिम को लड़ाने की बात कुछ कट्टरपंथी करते हैं।
उनमें और पशु में कोई अंतर नहीं है लेकिन पशु और मनुष्य में अंतर होता है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से सहिष्णु देश रहा है। इसलिए यह अखंड है और इसके खंड-खंड नहीं किया जा सकता। धर्म किसी पर थोपा नहीं जा सकता।