नया विवाद : जेएनयू में जले रावण की जगह रामदेव और मोदी के पुतले

नई दिल्ली । जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं । इस बार विवाद दशहरा पर रावण दहन को लेकर है । आरोप है कि दशहरा पर मंगलवार रात के समय दिल्‍ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में कुछ छात्रों ने रावण की जगह पीएम मोदी और योग गुरु बाबा रामदेव के पुतलों को रावण की जगह जलाया।

टाइम्‍स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार से कांग्रेस समर्थित एनएसयूआई के कुछ सदस्‍यों ने बुराई के प्रतीक रावण की तरह पीएम मोदी को दर्शाते हुए पुतला फूंका। स्‍टूडेंट्स ने कार्ड पर स्‍लोगन लिखे- ”बुराई पर सत्‍य की जीत होकर रहेगी।” इस साल अध्‍यक्ष पद के लिए जेएनयूएसयू चुनाव में हिस्‍सा लेने वाले सन्‍नी धीमान के मुताबिक, यह प्रदर्शन सरकार की सामूहिक विफलता का प्रतीक था।

उन्‍होंने कहा, ”पुतला सभी मोर्चों पर सरकार की विफलता को दर्शाने के लिए जलाया गया। यह प्रदर्शन गौ रक्षा के नाम पर मुस्लिमों और दलितों पर अत्‍याचारों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे यूथ फोरम फॉर डिस्‍कशंस एंड वेलफेयर एक्टिविटीज (YFDA) को नोटिस जारी करने के जेएनयू प्रशासन के फैसले के खिलाफ था। हमें लगता है कि यूनिवर्सिटी ने ऐसा सरकार के दबाव में किया और वह YFDA को निशाना बना रहे हैं क्‍योंकि इस समूह में ज्‍यादातर मुस्लिम छात्र हैं।”

खबर के अनुसार पुतले में रावण के मुख्‍य सिर के तौर केन्‍द्र में पीएम मोदी, अन्‍य सिरों में भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह, नाथूराम गोडसे, योग गुरु रामदेव, साध्‍वी प्रज्ञा, आसाराम बापू और अन्‍य के चेहरे लगाए गए थे। पुतला जेएनयू कैंपस के मशहूर सरस्‍वती ढाबा के नजदीक जलाया गया। लोगों ने कथित तौर मोदी सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए।

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