नमो टीवी को लेकर संसद में पूछे गए सवाल के अहम हिस्से का नहीं मिला जबाव

नमो टीवी को लेकर संसद में पूछे गए सवाल के अहम हिस्से का नहीं मिला जबाव

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के दौरान नमो टीवी का प्रसारण सरकार के गले की हड्डी बन सकता है। अब यह मुद्दा संसद तक पहुँच गया है। सांसद बालूभाऊ सुरेश नारायण धानोरकर ने सरकार से नमो टीवी के प्रसारण को लेकर सवाल पूछा।

सांसद बालूभाऊ सुरेश नारायण धानोरकर ने सवाल किया कि क्या नमो टीवी नामक टीवी चैनल सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के चैनलों की सूची में सूचीबद्ध है? यदि हां तो इसका ब्यौरा क्या है ?यदि नहीं तो इसके क्या कारण हैं ?आम चुनाव 2019 के दौरान इसे कैसे शुरू किया गया?

सरकार की तरफ से इस पर जबाव देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लोकसभा में 12 जुलाई को बताया कि नमो टीवी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के चैनलों की सूची में सूचीबद्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि यह डीटीएच ऑपरेटरों की ओर से ग्राहकों को दी जाने वाली प्लेटफॉर्म सेवा थी।

सरकार की तरफ से सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने सवाल के अहम हिस्से का जबाव नहीं दिया। सूचना और प्रसारण मंत्री ने यह नहीं बताया कि आम चुनाव 2019 के दौरान इसका प्रसारण कैसे शुरू हुआ।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान अचानक शुरू हुए नमो टीवी बीजेपी का जमकर प्रचार हुआ था। इस चैनल पर बीजेपी की रैलियां दिखाए जाने और पीएम मोदी के भाषण चलने पर राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने सवाल उठाये थे।

लोकसभा चुनाव सम्पन्न होते ही नमो टीवी अचानक गायब हो गया जिस पर विपक्ष के नेताओं ने सूचना प्रसारण मंत्रालय को लेकर सवाल उठाये थे कि आखिर किन नियमों के अंतर्गत नमो टीवी को प्रसारण की अनुमति दी गयी।

लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग पहुंचे विपक्ष के सवालो के बाद चुनाव आयोग ने नमो टीवी को लेकर सूचना प्रसारण मंत्रालय से पूरी रिपोर्ट तलब की थी। इस पर मंत्रालय ने चुनाव आयोग को बताया कि नमो टीवी एक ‘विज्ञापन आधारित प्लेटफॉर्म’ है और इसका प्रसारण डीटीएच ऑपरेटर्स कर रहे हैं। इस प्रसारण का खर्चा भारतीय जनता पार्टी द्वारा उठाया जा रहा है।

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TeamDigital