नजीब कहाँ है : सीबीआई जांच की गति से संतुष्ट नहीं हाईकोर्ट
नई दिल्ली। दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) से लापता छात्र नजीब अहमद की गुमशुदगी के एक वर्ष बाद भी जांच एजेंसियां अभी किसी ठोस निर्णय पर नहीं पहुँच सकी हैं। एक वर्ष बीत जाने के बाद भी नजीब की गुमशुदगी का मामला जस का तस है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने नजीब अहमद की गुमशुदगी मामले की जांच कर रही सीबीआई द्वारा अब तक इस मामले में की गयी प्रगति से असहमति जताई है। न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी और न्यायमूर्ति चन्द्रशेखर की पीठ ने कहा कि ‘किसी रूप में कोई परिणाम नहीं है. कागजों पर भी कोई परिणाम नहीं निकला।’
सीबीआई द्वारा अदालत में कही गई बातों और उसकी स्थिति रिपोर्ट में विरोधाभास मिलने के बाद अदालत ने कड़ी टिप्पणी की है। सीबीआई ने मामले में संदिग्ध छात्रों के फोन कॉल और संदेश के विश्लेषण के आधार पर स्थिति रिपोर्ट दी है।
गौरतलब है कि नजीब की गुमशुदगी के एक वर्ष के दौरान यह मामला जांच के लिए पहले दिल्ली पुलिस के पास था। नजीब को तलाशने के लिए दिल्ली पुलिस ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। एसआईटी को इस मामले में कोई सुराग न मिलने के बाद यह मामला दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दिया गया।
नजीब की गुमशुदगी पर दिल्ली पुलिस के काम से असंतुष्टि ज़ाहिर करते हुए लापता छात्र नजीब की मां फातिमा नफीस ने हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया और उन्ही की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। फातिमा ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह जेएनयू के माही-मांडवी छात्रावास से 15 अक्तूबर, 2016 को लापता बेटे का पता लगाने के लिए आदेश जारी करे।