दो साल के दौरान : पीएम मोदी की विदेश यात्राओं के दौरान परछाईं की तरह पीछे लगे रहे अडानी
नई दिल्ली । अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी को कौन नहीं जानता। अडानी को लोग जितना उनके उद्योगों से नहीं जानते उससे कही ज़्यादा वो पीएम नरेंद्र मोदी से नजदीकियों को लेकर चर्चा में रहते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के अधिकांश विदेश दौरों पर उद्योगपति गौतम अडानी को भी देखा गया । आखिर क्या वजह थी कि परिवार का सदस्य न होते हुए भी पीएम मोदी की विदेश यात्राओं के दौरान अडानी भी मौजूद रहते थे ।
1980 के दशक में अडानी अपने पुराने स्कूटर पर दोस्तों के साथ गलियों में घुमा करते थे, उस वक़्त किसी को नहीं मालूम था की जो शख्स आज स्कूटर पर घूम रहा है वो प्रधानमंत्री मोदी के साथ लगभग हर उस देश का दौर करेगा जहां प्रधानमंत्री जाया करेंगे।
कॉलेज से ड्रॉप आउट अडानी आज उस मुकाम पर खड़े है जहां देश के बड़े-बड़े उद्योगपति पानी भरते नज़र आते हैं। आज अडानी के पास ऐशोआराम की हर वो चीज़ है जिसके लिए लोगों की ज़िंदगियां कम पड़ जाए। अडानी के पास फरारी कार, 3 हेलिकॉप्टर, 3 बोम्बार्डियर और बीचएयरक्राफ्ट भी है।
दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने भी पीएम मोदी-अडानी की नजदिकों पर कई बार सवाल भी उठाए हैं, उनका कहना है कि मोदी कथित ‘पूंजीवादी नीतियों’ का फ़ायदा अडानी जैसे उद्योगपतियों को देना चाहते हैं। हालांकि, अडानी ने इसपर सफाई देते हुए कहा था कि बीजेपी को प्रचार-प्रसार के लिए मार्किट रेट पर एयरक्राफ्ट रेंट पर मुहैया करते हैं या जो भी उनसे एयरक्राफ्ट मांगता है।
ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अडानी के साथ गए तो काफी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री के साथ दौरे पर ऑस्ट्रेलिया गये अडानी को बड़ी सफलता भी मिली थी। अडानी इंटरप्राइजेज को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और ऑस्ट्रेलिया की ओर से 7 अरब डॉलर की कोयला माइनिंग, रेल और पोर्ट प्रोजेक्ट शुरु करने में सहयोग मिला था।
गौरलतब है कि कोयले के दाम पिछले साढ़े पांच साल में अपने सबसे निचले स्तर पर हैं। अदानी ग्रुप ने एसबीआई के साथ क्वींसलैंड में कोयला माइन शुरु करने के लिए एक अरब डॉलर का एमओयू साइन किया था। वहीं अडानी ग्रुप इस प्रोजेक्ट को 2017 तक पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।
आपको बता दें कि अडानी इंटरप्राइजेज ने क्वींसलैंड में माइनिंग, रेल और पोर्ट प्रोजेक्ट के लिए एसबीआई के साथ एक अरब डॉलर का एमओयू साइन किया है।
अडानी जी-20 सम्मेलन के लिए बिजनेस प्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ब्रिसबेन में मौजूद थे। अडानी ग्रुप की 3 लिस्टेड कंपनियों में अडानी इंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट का टोटल मार्केट कैपिटलाइज़ेशन 85.35 फीसदी बढ़कर 95,925 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा का हो चुका है।
सरकार के 72 हजार करोड़ रुपए दबाए बैठे हैं अडानी :
बीते दिनों राज्य सभा में जदयू सांसद पवन वर्मा ने सरकारी बैंकों के औद्योगिक घरानों पर बकाए कर्ज का मुद्दा उठाया था। इसमें उन्होंने अडाणी ग्रुप का विशेष रूप से जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि इस कंपनी पर 72 हजार करोड़ रुपये बकाया हैं। साथ ही कंपनी को अकल्पनीय रूप से मदद मिल रही है।
शून्य काल में यह मुद्दा उठाते हुए पवन वर्मा ने कहा कि सरकारी बैंकों पर ऐसे लोगों को लोन देने के लिए दबाव डाला जाता है जो कर्ज चुका पाने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘सरकारी बैंकों का लगभग 5 लाख करोड़ रुपये बकाया है। इनमें से लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज पांच कंपनियों पर है।
ये कंपनियां हैं- लेंको, जीवीके, सुजलोन एनर्जी, हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी और खास तौर पर अडाणी ग्रुप व अडाणी पावर।’ उन्होंने रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा कि अडाणी ग्रुप नाम के इस समूह पर लगभग 72 हजार करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। पवन वर्मा ने कहा, ‘कल यह बताया गया कि किसानों पर जो कुल मिलाकर कर्ज बकाया है वह 72 हजार करोड़ रुपये है। अडाणी ग्रुप पर भी इतना ही कर्ज बकाया है’
उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता इस सरकार का इस उद्योग घराने से क्या संबंध हैं। मुझे यह भी नहीं पता कि वे इन्हें जानते हैं लेकिन इस ग्रुप के मालिक (गौतम) अडाणी जहां भी प्रधानमंत्री गए वहां नजर आए। प्रत्येक देश फिर चाहे वो चीन, ब्रिटेन, अमेरिका, यूरोप हो या जापान। इस कंपनी को जो फायदा पहुंचाया गया वो अकल्पनीय है। गुजरात में इनके सेज को हाईकोर्ट की बाध्यता के बावजूद मान्यता दी गई।’
राज्य सभा के उपसभापति पीजे कूरियन ने वर्मा को चेताया कि वे आरोप न लगाए। इस पर वर्मा ने कहा,’ मैं आपको तथ्यात्मक जानकारी दे रहा हूं। यह हाईकोर्ट का आदेश है। यूपीए सरकार ने इसे मान्यता नहीं और जब यह सरकार सत्ता में आई तो इसे मान्यता मिल गई।’
अडानी की प्रधानमंत्री मोदी के साथ विदेश दौरा:
साल 2014 में –
16-17 जून: पीएम के साथ भूटान का विदेश दौरा
13-16 जून: ब्रिक्स सम्मलेन में ब्राज़ील का दौरा
3-4 अगस्त: पड़ोसी देश नेपाल का दौरा
30 अगस्त- 3 सितम्बर: जापान की विदेश यात्रा
26-30 सितम्बर: अमेरिका भ्रमण
11-13 नवंबर: म्यांमार की विदेश यात्रा
14-18 नवंबर: G20 को लेकर ऑस्ट्रेलिया का दौरा
19 नवंबर: प्रधानमंत्री के साथ फिजी का दौरा
25-27 नवंबर: सार्क सम्मलेन में नेपाल की यात्रा
साल 2015 में –
10-11 मार्च: विक्टोरिया की विदेश यात्रा
11-13 मार्च: प्रधानमंत्री के साथ मॉरिसस दौरा
13-14 मार्च: प्रधानमंत्री के साथ श्री लंका का दौरा
29 मार्च : सिंगापुर की विदेश यात्रा
9-12 अप्रैल: यूरोप में फ्रांस की टूर
12-14 अप्रैल: जर्मनी भ्रमण
14-16 अप्रैल: प्रधानमंत्री के साथ कनाडा की यात्रा
कांग्रेस ने भी उठाये थे सवाल :
उधर, एकबार चुटकी लेते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव डा. शकिल अहमद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विदेश दौरे पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री विदेश यात्रा के दौरान अपने बयानों से भारत को अपमानित कर रहे है।
उन्होंने कहा कि मोदी अपने साथ विदेश दौरे पर कभी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को नहीं ले गये, लेकिन उनके हर विदेश दौरे में उद्योगपति अडानी उनके साथ होते है। व्यवहारिक रूप से विदेश मंत्री का काम अडानी कर रहे है।