दो और बीजेपी सांसदों का पीएम मोदी को पत्र, योगी पर दलितों को प्रताड़ित करने का आरोप
नई दिल्ली। दलितों के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश बीजेपी में घमासान जारी है। बीजेपी के दलित सांसदों की शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर है।
योगी आदित्यनाथ की शिकायत का सिलसिला तब शुरू जब यूपी की रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट से दलित बीजेपी सांसद छोटे लाल खरवार ने पत्र लिखकर पीएम मोदी को अपना दर्द बयां किया।
छोटेलाल खरवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि प्रशासन और जिला अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते और उनके साथ भेदभाव करते हैं। उन्होंने इस मामले की शिकायत अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग में भी की है।
छोटेलाल खरवार के बाद अब दो और बीजेपी सांसदों ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर योगी आदित्यनाथ की शिकायत की है। पीएम मोदी को पत्र लिखने वाले सांसदों में नगीना के सांसद यशवंत सिंह और इटावा के सांसद अशोक कुमार दोहरे शामिल हैं।
बीजेपी सांसद अशोक कुमार दोहरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य में दलितों का जमकर उत्पीड़न होने, मारपीट किए जाने और झूठे मुकदमे में फंसाने के आरोप लगाए हैं। दोहरे के अनुसार, पीएम ने उन्हें मामले की जांच का भरोसा दिया है।
दोहरे से पहले सांसद सावित्री बाई फूले ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल था। इसके बाद सांसद छोटेलाल ने यूपी के सीएम पर उन्हें डांट कर भगाने की पीएम से शिकायत की थी। दिल्ली के दलित बिरादरी के सांसद उदित राज भीमराव आंबेडकर के नाम में रामजी जोड़े जाने पर पहले ही सार्वजनिक तौर पर आपत्ति जता चुके हैं।
भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले ने अपनी ही सरकार के खिलाफ राजधानी लखनऊ स्थित कांशीराम स्मृति उपवन में ‘भारतीय संविधान और आरक्षण बचाओ महारैली का आयोजन’ किया था ।
इस दौरान उन्होंने कहा था कि आरक्षण कोई भीख नहीं, बल्कि प्रतिनिधित्व का मामला है। अगर आरक्षण को खत्म करने का दुस्साहस किया गया तो भारत की धरती पर खून की नदियां बहेंगी। दलितों पर हो रहे उत्पीड़न के खिलाफ सांसद साध्वी सावित्री बाई ने महारैली कर पार्टी को जरूर मुश्किल में डाल दिया।
मोदी सरकार ने दलितों के लिए कुछ नहीं किया :
अब नगीना से बीजेपी सांसद यशवंत सिंह ने मोदी सरकार से नाराजगी जताई है। यशवंत सिंह ने SC/ST एक्ट पर सुप्रीम के फैसले को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं। यशवंत सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे लेटर में दलितों के हितों की आवाज बुलंद की है।
लेटर में यशवंत सिंह ने लिखा कि वह जाटव समाज के सांसद हैं। यशवंत सिंह ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि उनकी ओर से 4 साल में 30 करोड़ की आबादी वाले दलित समाज के लिए प्रत्यक्ष रूप से कुछ भी नहीं किया गया। बैकलॉग पूरा करना, प्रमोशन में आरक्षण बिल पास करना, प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण दिलाना आदि मांगें नहीं पूरी की गई।
यशवंत के अनुसार वे आरक्षण के कारण ही सांसद बन पाए. हालांकि उनकी योग्यता का उपयोग नहीं हो रहा है और उन्होंने बताया कि सांसद बनने के बाद उन्होंने पीएम मोदी से मांग की थी कि प्रमोशन में आरक्षण बिल पास कराया जाए. हालांकि यह मांग अबतक पूरी नहीं हुई है।