देश में पैदा हुए असुरक्षा के माहौल के खिलाफ शबनम हाश्मी ने लौटाया अवार्ड
नई दिल्ली। देश की प्रमुख सामाजिक कार्यकर्त्ता शबनम हाश्मी ने देश में असुरक्षा के माहौल और हाल ही में देश के विभिन्न इलाको में भीड़ द्वारा निर्दोष व्यक्तियों की पीट पीट कर हत्या किये जाने के विरोध में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिकार अवार्ड वापस कर दिया है। हाशमी को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने 2008 में इस अवॉर्ड से सम्मानित किया था।
शबनम हाशमी ने देश में पैदा हुए असुरक्षा और भय के मामले के लिए केंद्र सरकार को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ‘मौजूदा केंद्र सरकार के अधीन अल्पसंख्यक वर्गों को हाशिए पर धकेला जाना आम बात हो चली है।’ उन्होंने कहा, ‘यह सरकार न सिर्फ बहरा कर देने वाली चुप्पी साधे हुए है, बल्कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले और भीड़ द्वारा हत्या को खुलेआम बढ़ावा देने में लगी हुई है।’
हाशमी ने अल्पसंख्यक समुदाय की गरिमा बनाए रखना सुनिश्चित करने और उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की दिशा में सक्रियता न दिखाने के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग पर भी निशाना साधा। उन्होंने आयोग के अध्यक्ष के उस विवादित बयान की भी आलोचना की, जिसमें आयोग के अध्यक्ष ने कहा था कि चैम्पियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने वाले भारतीयों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए या उन्हें पाकिस्तान भेज दिया जाना चाहिए।
हाशमी ने कहा कि आयोग और मौजूदा केंद्र सरकार अल्पसंख्यक समुदाय को सम्मान दिलाने और उसकी सुरक्षा का दिखावा तक करने में असफल रही है। गौरतलब है कि करीब 2 साल पहले कई लेखकों, फिल्म निर्माताओं, बुद्धिजीवियों और वैज्ञानिकों ने गोमांस की अफवाह को लेकर उत्तर प्रदेश में मोहम्मद अखलाक की पीट-पीटकर हत्या के बाद राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाए थे।