देश को गुमराह करती रही सरकार, चीन ने जमाया डोकलाम पर कब्ज़ा: कांग्रेस
नई दिल्ली। चीन द्वारा भारतीय सीमा से सटे डोकलाम में सैन्य प्रतिष्ठान स्थापित किए जाने की खबरों पर आज कांग्रेस ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला हैं। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मीडिया से कहा, “उपग्रह चित्र व मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने भारतीय सीमा के निकट डोकलाम में सैन्य प्रतिष्ठान स्थापित किए हैं, जो संकेत देता है कि भारत की सुरक्षा व रणनीतिक हितों से समझौता किया गया है।”
सुरजेवाला ने कहा, “उपग्रह के चित्रों से लगता है कि जब चीनी सैनिक डोकलाम में कब्जा कर रहे थे, तब सरकार सो रही थी। ऐसा लगता है कि चीन भारतीय सीमा के निकट डोकलाम जैसी स्थिति दोबारा बनाने की योजना बना रहा है।”
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री को चुनावी भाषण की कला में महारत हासिल है, जबकि वह हमारी सीमाओं की सुरक्षा करने में वह बुरी तरह से विफल हुए हैं।” उपग्रह के चित्रों को दिखाते हुए सुरजेवाला ने कहा कि चीन ने दो मंजिला वाच टॉवर, सात हेलीपैड व कई सैन्य प्रतिष्ठान का निर्माण डोकलाम में किया है।
सुरजेवाला ने कहा, “चीन ने पूरे डोकलाम पर कब्जा कर लिया है, हमारे देश की सरकार क्या कर रही है? क्या सरकार, प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री को इन निर्माणों के बारे में पता है?”
सुरजेवाला ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने उस समय एक बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया कि दोनों देशों के सैनिक तेजी से पीछे हट रहे हैं। उन्होंने कहा, “यहां तक कि सुषमा स्वराज जी ने यह संसद में कहा, और जब हमने विवरण के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि दोनों देशों के सैनिक अपनी चौकियों को लौट रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि जब सुषमा स्वराज ने यह बयान दिया उस समय उनके बयान पर सवाल नहीं उठाये जा सकते थे। सुरजेवाला ने सुषमा स्वराज के बयान को दोहराते हुए कहा कि “डोकलाम के तनाव को हल किए जाने के बाद चीन के विदेश मंत्री ने कहा था कि उसने सैनिकों को हटा लिया है, लेकिन वह इलाके में गश्त जारी रखेगा।”
सुरजेवाला ने कहा कि डोकलाम तिराहे के मुद्दे पर भविष्य में निर्णय कैसे होगा, जब चीन ने पूरे डोकलाम पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि “मोदी जी ने अक्टूबर में एक सार्वजनिक सभा में घोषणा की थी कि डोकलाम मुद्दा जीत की तरह है।” जबकि मीडिया में जारी उपग्रह चित्रों से पता चलता है कि चीन ने वहां अपने सैन्य प्रतिष्ठान का निर्माण कर लिया है।