देश की सबसे बड़ी हड़ताल, सड़क परिवहन प्रभावित, जनजीवन अस्त व्यस्त
नई दिल्ली । केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ आज विभिन्न ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल है। इस हड़ताल में 10 ट्रेड यूनियनों के करोड़ों कर्मचारी शामिल हैं। हड़ताल से बैंकिंग, दूरसंचार सेवाओं और सार्वजनिक यातायात पर असर पड़ा है।
ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का असर कई राज्यों में दिखने लगा है। दक्षिणी राज्य केरल की बात करें तो वहां तिरुअनंतपुरम में इंटर-स्टेट बस अड्डे पर यात्री फंसे हुए हैं। लोग बसे अड्डों पर घंटों से बसों के इंतजार में खड़े हैं। लेकिन उन्हें कोई भी बस नहीं मिल रही है।
वहीं कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भी कुछ ऐसे ही हालात हैं। यहां हड़ताल को देखते हुए शहर के सभी स्कूल और कॉलेज को बंद कर दिया गया है। वहीं ओडिशा के भुवनेश्वर में ट्रेड यूनियन ने रेल ट्रैक पर कब्जा कर लिया है। प्रदर्शनकारी स्टेशन पर भी जमा होकर सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं।
ट्रेड यूनियन हड़ताल का असर पश्चिम बंगाल में देखने को मिला। यहां दर्शनकारियों ने कूच बिहार जिले में एनबीएसटीसी की एक बस में तोड़फोड़ की। हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल में ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का कोई असर नहीं होगा।
हड़ताल के दौरान पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। भट्टाचार्या के साथ 15 अन्य प्रदर्शनकारियों को भी गिरफ्तार किया गया है। भारतीय मजदूर संघ के पवन कुमार ने कहा कि हम और हमसे जुड़ा कोई भी संगठन ट्रेड यूनियन हड़ताल का समर्थन नहीं कर रहा है
बैंकों के छह संगठन भी हड़ताल में शामिल
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के छह कर्मचारी संगठनों ने भी हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है। ऑल इंडिया बैंक इंप्लायज एसोसिएशन (एआईबीईए), बैंक इंप्लायज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए), ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी) तथा इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी) ने नोटिस दिए हैं।
नेशनल आर्गनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) तथा नेशनल आर्गनाइजेशन आफ बैंक ऑफिसर्स हड़ताल में शामिल नहीं हैं। भारतीय स्टेट बैंक समेत अधिकतर बैंकों का मानना है कि अगर हड़ताल होती है, उनकी सेवा प्रभावित हो सकती है। इस बीच, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक अधिकारी ने कहा कि बैंकों ने कामकाज सुचारू रूप से चलाने के लिये जरूरी कदम उठाये हैं और खुदरा ग्राहकों के लिये नकदी की कोई समस्या नहीं है।
हड़ताल पर भ्रम पैदा कर रही है सरकार: सीटू
सीटू ने श्रमिकों की प्रस्तावित हड़ताल पर गुरुवार को कहा कि सरकार बोनस और सामाजिक सुरक्षा के बारे में बयानबाजी कर भ्रम पैदा कर रही है। सीटू के महासचिव तपन कुमार सेन ने कहा कि देश के सभी बड़े श्रमिक संघ दो सितंबर की हड़ताल पर डटे हैं। इसे कमजोर करने की सरकार की कोई भी साजिश सफल नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री बंडारु दत्तात्रेय का बोनस और सामाजिक सुरक्षा के बारे में जारी किया गया बयान भ्रम पैदा करने वाला है।
देश में पर्याप्त कोयला भंडार : गोयल
केंद्रीय कोयला व बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि भंडार में इतना कोयला है कि अगर अगले दो महीने तक खनन गतिविधियां न हों, तो देश के विद्युत संयंत्रों द्वारा उत्पादन पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ेगा। गोयल ने कहा कि 50-60 दिनों तक कोयले का खनन न हो, तो भी विद्युत उद्योग को उन्हें संयंत्र के संचालन के लिए निर्बाध कोयला आपूर्ति जारी रहेगी। गोयल ने कोल इंडिया के कर्मचारियों के भी हड़ताल में शामिल होने की संभावना के संदर्भ में यह बात कही।
संगठनों की मांग
श्रम संगठनों की मांगों में अखिल भारतीय जन वितरण प्रणाली के माध्यम से महंगाई कम करने, श्रम कानून लागू करने, सभी कर्मचारियों को यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी कवर तथा सरकारी कंपनियों व बैंकों का विनिवेश बंद करना शामिल है। अपनी 12 सूत्री मांगों में श्रम संगठनों ने मासिक न्यूनतम मजदूरी 18,000 रुपये करने और मासिक न्यूनतम पेंशन तीन हजार रुपये करने की बात कही थी।