देश की आज़ादी के बाद पहली बार बिना सब्सिडी वाली हज यात्रा करेंगे मुसलमान

नई दिल्ली। देश के मुसलमानो हज यात्रा पर दी जाने वाली सब्सिडी ख़त्म कर दी गयी है। आज़ादी के बाद यह पहला मौका है जब करीब पौने दो लाख मुसलमान बिना सब्सिडी के हज यात्रा करेंगे।
केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि हज यात्रा के लिए मिलने वाली सब्सिडी का लाभ गरीब और जरूरतमंद मुसलमानों को नहीं मिलता था। भविष्य में समुद्री मार्ग से भी हज यात्रा शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि अब हज सब्सिडी फंड का इस्तेमाल अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा देने के लिए किया जाएगा।
हज सब्सिडी से मुसलमानो को नहीं बल्कि कंपनियों को होता था फायदा :
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि यह कहना पूरी तरह से गलत है कि हज सब्सिडी फंड से एजेंटों और कुछ कंपनियों को फायदा होता था। मामले को मुसलमानों के आत्मसम्मान से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 10 साल के अंदर हज सब्सिडी को आहिस्ता-आहिस्ता खत्म करने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि
यूपीए सरकार के समय से ही हज सब्सिडी खत्म करने की दिशा में काम किया जा रहा है, लेकिन मोदी सरकार ने इसको अचानक और बेहद जल्दी खत्म कर दिया। मोदी सरकार इतनी जल्दी यह फैसला लेकर मुसलमानों को सख्त संदेश देना चाहती है।
मालूम हो कि साल 2012 में सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया था कि अगले 10 वर्षो में हज पर दी जाने वाली सब्सिडी समाप्त कर दी जाए। न्यायमूर्ति आफताब आलम की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च कोर्ट की पीठ ने सरकार की ओर से प्रति वर्ष मक्का भेजे जाने वाले सद्भावना शिष्टमंडल के सदस्यों की संख्या भी घटा दी थी।