दिल्ली विश्वविधालय ने कहा “स्मृति ईरानी ने डिग्रियों का रिकॉर्ड देने को मना किया है”
नई दिल्ली । केंद्रीय कपडा मंत्री स्मृति ईरानी अपनी डिग्रियों को लेकर एक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं । सीआईसी द्वारा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को स्मृति ईरानी का रिकॉर्ड जांचने की अनुमति देने के निर्देश जारी करने के बाद इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है ।
स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) ने केंद्रीय सूचना आयोग को बताया कि ईरानी ने एक आरटीआई आवेदन पर दिल्ली विश्वविद्यालय को उनकी शैक्षणिक योग्यता का खुलासा नहीं करने को कहा है। आयोग ने स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग को ईरानी के शैक्षणिक विवरण से जुड़े सभी रिकॉर्ड उसके समक्ष पेश करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि आयोग के समक्ष रिकॉर्ड प्रस्तुत करने में विफल रहने के लिए डीयू के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी को एक ताजा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। एक याचिकाकर्ता द्वारा यह आरोप लगाने कि ईरानी ने 2004, 2011 और 2014 में चुनाव लड़ने से पहले दाखिल अपने हलफनामों में विरोधाभासी सूचना दी थी, ईरानी की डिग्रियों को लेकर विवाद खड़ा हुआ।
अप्रैल, 2004 लोकसभा चुनावों के लिए अपने हलफनामे में ईरानी ने कहा था कि उन्होंने अपना बीए 1996 में डीयू (स्कूल ऑफ कॉरेसपोंडेंस) से किया, जबकि 11 जुलाई, 2011 के एक अन्य हलफनामे में जो उन्होंने गुजरात से राज्यसभा चुनाव लड़ने के लिए दाखिल किया था, उन्होंने कहा कि उनकी उच्चतम शैक्षणिक योग्यता बी.कॉम पार्ट-1 है। इस मामले को अदालत द्वारा इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि शिकायत दाखिल करने में पहले ही काफी समय गुजर चुका है. केंद्रीय सूचना आयोग के समक्ष यह मुद्दा कायम है।