दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर शीला दीक्षित ने जताई सहमति
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम में जहाँ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच नजदीकियां बढ़ने की खबर हैं वहीँ दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने आप और कांग्रेस के गठबंधन पर अपनी सहमति जताई है।
एएनआई न्यूज़ के मुताबिक दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शीला दीक्षित ने गठबंधन से इंकार नहीं किया बल्कि कहा कि जो भी हाईकमान फैसला लेगा, हमें स्वीकार है।
गौरतलब है कि हाल ही में एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी कहा था कि बीजेपी को सत्ता से बाहर रखना ज़रूरी है। उन्होंने कहा था कि 2019 में बीजेपी के सत्ता में वापस आने से देश का संविधान को खतरा पैदा हो सकता है। कांग्रेस से गठबंधन के सवाल पर केजरीवाल ने कांग्रेस का बिना नाम लिए स्वीकार किया कि संविधान बचाने के लिए वे कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं।
हालाँकि एक समय था जब अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली में कांग्रेस को किनारे पहुंचा दिया था। उन्होंने इंडिया अगेंस्ट करप्शन खड़ा करके तत्कालीन कांग्रेस सरकार के लिए बड़ी मुश्किलें पैदा कर दी थीं। इसके बाद जब आम आदमी पार्टी बनी तो पहले ही चुनाव में आप ने कांग्रेस को हाशिये पर धकेल दिया।
इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को 28, बीजेपी को 31 और कांग्रेस को सिर्फ 8 सीटें मिली थीं। चुनाव में बड़ा नुक्सान होने के बावजूद कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए आम आदमी पार्टी को समर्थन देकर सरकार बनवाई थी लेकिन यह गठबंधन नहीं चल सका और दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
इसके बाद 2015 में हुए विधानसभा चुनावो में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों को हाशिये पर ले जाकर खड़ा कर दिया। 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटें जीतीं। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली जबकि बीजेपी को मात्र तीन सीटों से संतोष करना पड़ा।
फ़िलहाल अब देखना है कि क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच बढ़ती नजदीकियां किसी तरह के गठबंधन की शक्ल ले पाती हैं अथवा नहीं। यदि दोनों दलों के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर कोई गठबंधन बनता है तो निश्चित तौर पर यह बीजेपी के लिए मुश्किलें पैदा करने वाला होगा।