दिग्विजय सिंह ने भोपाल में संभाला मोर्चा, प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी सीट

दिग्विजय सिंह ने भोपाल में संभाला मोर्चा, प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी सीट

भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। दिग्विजय सिंह ने पार्टी संगठन के साथ भोपाल लोकसभा क्षेत्र में आने वाली सभी विधानसभाओं में कार्य का वितरण शुरू कर दिया है।

इससे पहले बुधवार को दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस राज्य की 29 सीटों में से 20 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करेगी।

भोपाल सीट को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि भोपाल उनके लिए नया नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘भोपाल शहर में वो 1977 में पहली बार आए थे जब वो विधायक थे और तब से लेकर आज तक उनके संबंध भोपाल के लोगों के साथ रहे हैं। सिंह ने कहा कि उनका और भोपाल का पिछले 40 सालों का संबंध है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की तीन सीटों भोपाल, इंदौर और विदिशा पर साल 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। उसके बाद हम इन तीन सीटों पर जीत दर्ज नहीं कर पाये हैं। इसलिए यदि हम इन तीन सीटों पर जीत दर्ज कर लेते हैं, तो पार्टी मध्य प्रदेश की 20 से अधिक सीटों पर निश्चित रूप से विजय हासिल करेगी।

दिग्विजय ने कहा कि मैं भोपाल सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले भोपाल के विकास पर एक दस्तावेज पेश करूंगा. भोपाल लोकसभा सीट पर बीजेपी द्वारा कथित रूप से वोटों का ध्रुवीकरण करने के बारे में पूछे गये एक अन्य सवाल के जवाब में 16 साल बाद चुनाव लड़ रहे दिग्विजय ने बताया, ”बीजेपी के पास ध्रुवीकरण करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।”

उनके पिता पर हिन्दू महासभा का सदस्य होने के आरोप लगने पर पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा, ”इस तरह की गलत जानकारी सर्कुलेट की जा रही है। मेरे पिताजी ने साल 1952 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। वह कांग्रेस के सदस्य थे और साल 1940 से खादी पहना करते थे।”

गौरतलब है कि साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की 29 सीटों में से केवल दो सीटों गुना और छिन्दवाड़ा में ही जीत हासिल की थी, जबकि बीजेपी 27 सीटों पर जीती थी।

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TeamDigital