दाढ़ी नहीं रखने के पुलिस विभाग के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचा ये मुस्लिम कांस्टेबल
अहमदाबाद । गुजरात पुलिस के एक मुस्लिम पुलिस कॉन्सेटबल ने गुजरात हाई कोर्ट में दाढ़ी नहीं रखने के पुलिस विभाग के आदेश के खिलाफ याचिका लगाई है। गुजरात हाई कोर्ट के जज जस्टिस सोनिया गोकानी ने मुस्लिम कांस्टेबल मोहम्मद साजिद साबिरमिया शेख की याचिका स्वीकार कर ली है, जिस पर सुनवाई आगामी 25 अप्रैल को होगी।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 25 साल के पुलिस कांस्टेबल मोहम्मद साजिद ने नियुक्ति बीते साल मार्च में लोक रक्षक दल में हुई थी। अपनी नौकरी की शुरुआत में साजिद को शाहीबाग स्थित पुलिस हेडक्वार्टर में तैनात किया गया था।
यहां शुरुआत के नौ माह तक तो विभाग के आला अधिकारियों को साजिद की दाढ़ी पर कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन कुछ माह पहले अफसरों ने उन्हें दाढ़ी हटाने को कहा। तब साजिद ने धार्मिक स्वतंत्रता की बात कही तो अफसरों ने मानने से इनकार कर दिया।
साजिद का कहना है कि वे बीते कई सालों से दाढ़ी रख रहे हैं। अफसरों ने मेरे सामने शर्त रखी कि मैं हज यात्रा पूरी करूंगा, तब ही मुझे दाढ़ी रखने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अब सिर्फ दाढ़ी रखने के लिए मैं हज यात्रा पर दो लाख रुपए से ज्यादा का खर्च कैसे कर सकता हूं। मेरे मना करने पर मुझे ड्यूटी भी नहीं करने दी जा रही है।
वहीं विभाग के संयुक्त पुलिस आयुक्त आरजे सवानी ने कहा कि नियमों के मुताबिक साजिद को राहत नहीं दी जा सकती हैं क्योंकि लोक रक्षक दल के नियमों में स्पष्ट कहा गया है कि हाजी होने पर ही मुस्लिम को दाढ़ी रखने की अनुमति दी जा सकती है। गौरतलब है कि लोक रक्षक दल में प्रोबेशन पीरियड पांच साल का होता है।
अब विभाग के इस फैसले के खिलाफ साजिद ने गुजरात हाई कोर्ट में याचिका लगाई है। साथ ही कहा है कि दाढ़ी रखने से उनके कर्तव्यों में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने अपनी याचिका में मुस्लिमों व सिखों के लिए दाढ़ी रखने की स्वतंत्रता का भी जिक्र किया है।