तेजबहादुर का नामांकन रद्द, अब सुप्रीमकोर्ट में करेंगे अपील

तेजबहादुर का नामांकन रद्द, अब सुप्रीमकोर्ट में करेंगे अपील

नई दिल्ली। वाराणसी लोकसभा सीट पर पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार तेजबहादुर यादव का नामांकन रद्द हो गया है। नामांकन रद्द होने के बाद तेजबहादुर ने इसे तानाशाही करार दिया। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में सुप्रीमकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएंगे।

इससे चुनाव आयोग ने तेजबहादुर को नोटिस जारी किया था। दरअसल बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर ने पहले निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया था। इस नामांकन में तेज बहादुर ने खुलासा किया कि उसे बीएसएफ से भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त किया गया था। वहीँ तेजबहादुर ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर दाखिल किये गए दूसरे नामांकन में इसका उल्लेख नहीं किया।

दोनों नामांकनों में फर्क पाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने तेजबहादुर को नोटिस देकर उनसे 1 मई तक जबाव माँगा था लेकिन चुनाव आयोग ने तेजबहादुर का नामांकन रद्द कर दिया।

इस मामले में वाराणसी के जिलाधिकारी ने कहा कि पिछले 5 सालों के भीतर राज्य या केंद्र सरकार की सेवा से बर्खास्त किए गए व्यक्ति को चुनाव आयोग से प्रमाण पत्र प्राप्त करना होता है, जिसमें कहा गया हो कि उसे निष्ठाहीनता या भ्रष्टाचार के कारण बर्खास्त नहीं किया गया है। सर्टिफिकेट सुबह 11 बजे से पहले देना था, वे नहीं दे पाए, इसलिए नामांकन खारिज कर दिया गया।

तेज बहादुर यादव ने कहा, ‘मेरा नामांकन रद्द हुआ, जो पूरी तरह से गलत था। प्रशासन का तर्क है कि जो सबूत मांगा गया था, वह आप पेश नहीं कर पाए, जबकि हमसे जो सबूत मांगे गए थे, वह शाम को 6.15 बजे मांगे गए थे, मैंने कहा कि मैं कोई अंबानी या अडाणी नहीं हूं, जो चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली जाऊंगा, लेकिन फिर भी मैंने कोशिश की और हमारे सबूत भी आ गए, लेकिन मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया, जो कि तानाशाही रवैया है।’

वहीँ तेज बहादुर यादव के वकील राजेश गुप्ता का कहना है कि हमने सभी सबूत दिए, लेकिन बावजूद इसके हमारा नामांकन रद्द कर दिया गया. हम इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

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