तीर्थ स्थानों पर हनीमून मनाने के कारण हुई केदारनाथ आपदा – शंकराचार्य
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है । इस बार उन्होंने केदारनाथ की आपदा के लिए चारधाम मार्ग पर बने होटलों और पिकनिक केंद्र पर गलत काम को कारण बताया है। उन्होंने कहा है कि लोग इन पवित्र तीर्थ स्थानों पर हनीमून मनाते हैं।
हरिद्वार । शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने केदारनाथ की आपदा के लिए चारधाम मार्ग पर बने होटलों और पिकनिक केंद्र पर गलत काम को कारण बताया है। उन्होंने कहा है कि लोग इन पवित्र तीर्थ स्थानों पर हनीमून मनाते हैं। जिस कारण केदारनाथ धाम को भयंकर आपदा का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि वे शनि और साई पर दिए बयानों पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि साई को जिन लोगों ने भगवान बताया और धारावाहिकों में चमत्कारिक होने का प्रचार किया। वह शिरडी में भी पानी के लिए चमत्कार क्यों नहीं करा देते। अब साईं का चमत्कार कहां गया।
उन्होंने भूमाता ब्रिगेड की लीडर तृप्ति देसाई के बयानों पर कहा कि उन्हें हिंदू धर्म का साथ देना चाहिए। कहा कि यह हिंदू धर्म में रहकर ही कोई विरोध कर सकता है, यदि कोई मुस्लिम धर्म के खिलाफ इस तरह से बयान देता तो उसे इसका अंजाम भुगतना पड़ता। उन्होंने केदारनाथ की आपदा के लिए लोगों के दुर्व्यसनों को जिम्मेदार बताया।
मंगलवार को हरिद्वार के कनखल स्थित मठ में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराष्ट्र से आई टिप्पणियों पर तल्ख दिखे।
उनकी उम्र को लेकर उठ रहे सवालों पर उन्होंने कहा कि कई शंकराचार्य 100 वर्ष की उम्र से अधिक तक रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज महिलाओं के साथ दुराचार की घटनाएं बढ़ रही हैं। अधिक घटनाएं लोग नशे में करते हैं, सबूत मिटाने के लिए हत्याएं कर रहे हैं। कोर्ट सजा दे सकता है, लेकिन अपराध समाप्त नहीं कर सकता।
इसके लिए उन्होंने हिंगला संस्था बनाई है, जिसमें महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि धर्म बचाने के लिए यदि उन्होंने अपराध किया है तो वह इसके लिए सजा पाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह महिलाओं का सम्मान करते हैं, जिसमें जगदंबा माता, अरूंधति, अनुसूया आदि को मानते हैं। उन्होंने कहा कि जहां शनि और साई की दृष्टि पड़ती है वहां पर अनिष्ट होता है।