तीन तलाक बिल: क्या सरकार ने किया विपक्ष से धोखा ?
नई दिल्ली। राज्य सभा में बहुमत न होने के बावजूद मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल को बहुमत से पास करा लिया। तीन तलाक बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट पड़े और यह बिल राज्य सभा में पास हो गया।
तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास होने के अगले दिन बुधवार को कांग्रेस नेता गुलामनबी आज़ाद ने आरोप लगाया कि सरकार ने तीन तलाक बिल हाउस की जानकारी के बिना पास करा लिया।
आज़ाद ने कहा कि आरटीआई बिल सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना था और लेकिन उसे राज्यसभा पेश करके पास करा दिया गया। इसके बाद तीन तलाक बिल को भी बिना हाउस की जानकारी के पास करा लिया गया।
आज़ाद ने कहा कि तीन तलाक बिल भी सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना था लेकिन सरकार ने इसे भी पास करा लिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने सभी सदस्यों को पेश होने का व्हीप जारी किया जबकि विपक्ष को जानकारी नहीं दी गयी और हमने व्हिप जारी नहीं किया क्यों कि हम दुविधा में थे।
वहीँ टीएमसी सांसद डेरेक अबराम ने मोदी सरकार पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी जानकारी में नहीं था कि सरकार यह बिल मंगलवार को पेश करने जा रही है।
गौरतलब है कि तीन तलाक बिल पर सरकार की राह उस समय आसान हो गयी जब जनता दल यूनाइटेड, बहुजन समाज पार्टी, तेलगु देशम, एआईएडीएमके और पीडीपी ने वोटिंग के समय राज्य सभा से वॉकआउट किया और वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। वहीँ कांग्रेस, एनसीपी और टीएमसी के कई सदस्य मंगलवार को राज्य सभा मे अनुपस्थित थे।
राज्यसभा में यह बिल पास होना सरकार के लिए बड़ी कामयाबी माना जा रहा है क्योकिं उच्च सदन में अल्पमत में होने के चलते उसके लिए इस बिल को पास कराना मुश्किल था। इससे पहले भी एक बार उच्च सदन से यह विधेयक गिर गया था।