तीन तलाक बिल को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती, केरल के मुस्लिम संगठन ने की पहल

नई दिल्ली। लोकसभा के बाद राज्य सभा में पास हुए तीन तलाक बिल को असंवैधानिक बताते हुए सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी गयी है। लोकसभा और राज्य सभा में पास होने के बाद तीन तलाक बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को मंजूरी दी थी।
तीन तलाक बिल के खिलाफ करेल के मुस्लिम बुद्धजीवियों, उलेमाओं और मौलानाओं से जुड़े संगठन समस्त केरल जमीयतुल उलेमा ने देश की सर्वोच्च अदालत का दरवाज़ा खटखटाया है।
सुप्रीमकोर्ट में दी गयी अर्जी में तीन तलाक बिल को असंवैधानिक बताते हुए संगठन ने कहा है कि ये बिल संविधान के अनुच्छेद 14, 5 और 21 का उल्लंघन है।
समस्त केरल जमीयतुल उलेमा के मुताबिक जब सुप्रीमकोर्ट कह चूका है कि तीन तलाक कहने से तलाक नहीं होता तो फिर सरकार तीन तलाक के खिलाफ कानून किस लिए बना रही है। संगठन के मुताबिक तीन तलाक बिल असंवैधानिक है और इसे ख़ारिज किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि लोकसभा में तीन तलाक बिल पास होने के बाद इसे राज्य सभा में पेश किया गया था। एनडीए के पास राज्य सभा में बहुमत न होने के बावजूद सरकार ने इसे राज्य सभा में बड़ी चतुराई से पास करा लिया। इस बिल पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरूवार को मंजूरी दी है।
तीन तलाक बिल को लेकर विपक्ष शुरू से इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने की मांग कर रहा था। विपक्ष का कहना था कि तीन तलाक बिल को लेकर सरकार जल्दबाज़ी दिखा रही है। इस बिल में कई संशोधनों की आवश्यकता है। इसके बावजूद सरकार ने राज्य सभा में पास करा लिया।