तीन तलाक: अभी भी बाजी कांग्रेस के हाथ, राज्य सभा में अटका सकती है बिल

तीन तलाक: अभी भी बाजी कांग्रेस के हाथ, राज्य सभा में अटका सकती है बिल

नई दिल्ली। तीन तलाक पर सरकार की तरफ से प्रस्तावित कानून वाला बिल लोकसभा में पास हो चुका है लेकिन अभी इसका राज्य सभा में पास होना बाकी है। लोकसभा में कांग्रेस ने इस बिल ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ को लेकर सरकार का समर्थन किया था लेकिन साथ ही कहा था कि वह इसमें सुझाव देगी।

कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने लोकसभा में बहस के दौरान इस बिल को लेकर कहा था कि सरकार के प्रस्तावित कानून में तीन तलाक देने वाले पति को जेल भेजे जाने का प्रावधान है ऐसे में तालाकशुदा महिला को भरणपोषण कौन देगा।

वहीँ जानकारों की माने तो अभी भी बाजी कांग्रेस के हाथ में ही है। राज्य सभा में यदि कांग्रेस ने अपना स्टेण्ड बदला तो वह इस बिल में ज़रूरी बदलाव करवा सकती है। इतना ही नहीं यदि कांग्रेस ने स्टेण्ड बदला तो यह बिल राज्य सभा में लटक सकता है।

गौरतलब है कि बीजेपी के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, ऐसे में सहयोगी दलों के साथ-साथ विपक्षी दलों का समर्थन भी उसे इस बिल को पास करने के लिए हासिल करना होगा। इसके बाद ही कहीं जाकर ये विधेयक कानून की शक्ल ले सकेगा।

इस बिल का बीजू जनता दल, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल पहले से ही विरोध कर रहे हैं। ऐसे में जब तक कांग्रेस इस बिल पर सरकार का साथ नहीं देगी ये बिल राज्य सभा में पास नहीं हो पायेगा।

मौजूदा राज्य सभा में बीजेपी के 57 सदस्यों को मिलाकर एनडीए घटक दलों के सांसदों की कुल संख्या 88 होती हैं। जबकि उसे इस बिल को राज्य सभा में पास कराने के लिए 35 और सांसदों की ज़रूरत पड़ेगी। जो कांग्रेस के बिना पूरा होना सम्भव नहीं है।

बता दें कि कांग्रेस सांसद खडके ने लोकसभा में इस बिल को स्टेंडिंग कमेंटी के पास भेजने की भी मांग की थी। यदि राज्य सभा में भी कांग्रेस का यही रुख रहा तो यह बिल वापस स्टेंडिंग कमेटी को भी भेजा जा सकता है।

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TeamDigital