तबरेज अंसारी मामला: अज्ञानी डॉक्टर और पुलिस की लीपापोती

तबरेज अंसारी मामला: अज्ञानी डॉक्टर और पुलिस की लीपापोती

नई दिल्ली। तबरेज अंसारी मामले में पुलिस द्वारा अपनी चार्जशीट में आरोपियों पर धारा 302 दर्ज न किये जाने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। एक व्यक्ति को सरे आम पीट पीट कर मार डाला गया, उसकी पिटाई का वीडियो वायरल हुआ फिर क्या वजह है कि आरोपियों पर हत्या का सीधा सीधा मामला दर्ज नहीं हुआ ?

झारखंड के सरायकेला इलाके के घातकीडीह में हुई मॉब लिंचिंग की इस घटना से जुड़े पूरे मामले की पड़ताल से कई चीज़ें निकलकर सामने आयी हैं। तबरेज अंसारी की पिटाई के दौरान जिस वक्त पुलिस मौके पर पहुंची थी उस समय तक तबरेज बुरी तरह लहूलुहान हो चूका था।

पुलिस ने तबरेज को अपनी हिरासत में लिया और जब मेडिकल कराने सदर अस्पताल ले गयी तो वहां डॉक्टरों ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। पड़ताल में सामने आया है कि तबरेज के शरीर के अहम हिस्सों का न तो एक्सरे किया गया और न ही उसे कोई बड़ा उपचार दिया गया।

यहाँ तक कि तबरेज अंसारी का ब्लड प्रेशर भी नहीं जांचा गया। डॉक्टरों ने तबरेज का वह कार्ड भी नहीं बनवाया जो ट्रॉमा सेंटर भेजे जाने के लिए बनाया जाता है। डॉक्टरों ने सिर्फ मल्टीपल इंज्युरी लिखकर अपना काम पूरा कर दिया। इसके बाद पुलिस तबरेज अंसारी को वापस थाने लेकर आ गयी।

थाने में तबरेज अंसारी को जेल भेजे जाने की तैयारियां शुरू हो गयीं थीं और थाना पुलिस ज़रूरी कागजात तैयार करने में जुटी थी। शाम के समय जेल भेजे जाने से पहले तबरेज अंसारी को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करना था। तबरेज अंसारी को दोबारा अस्पताल ले जाया गया। इस बार भी अस्पताल के डॉक्टरों ने इस मामले को कोई ख़ास तबज्जो नहीं दी और सिर्फ तबरेज अंसारी के घुटनो का एक्सरे कराकर (फिट टू ट्रेवल) चलने फिरने लायक लिखकर दे दिया।

तबरेज अंसारी को पुलिस जेल भेज देती है। 21 जून को जेल में तबरेज़ की तबीयत बिगड़ती है, इस दिन जेल के डॉक्टर छुट्टी पर थे। इसलिए सदर अस्पताल के डॉक्टर केसरी को जेल बुलाया गया। इस समय भी तबरेज अंसारी की पूरी जांच नहीं की गयी और न ही उसे अस्पताल लाया गया।

अगले दिन 22 जून को तबरेज अंसारी की तबियत फिर बिगड़ती है और उसकी मौत हो जाती है। तबरेज अंसारी का शव पोस्टमोर्टम के लिए भेजा जाता है। जो टीम तबरेज अंसारी का पोस्ट मॉर्टम करती है उसमे से किसी डॉक्टर के पास फारेंसिक स्पेशियालिटी नहीं थी। यानि मौत के बाद भी तबरेज अंसारी को सही जांच नसीब नहीं हुई।

वहीँ तबरेज अंसारी मामले में पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमे एक बीजेपी नेता का नाम भी सामने आया। पुलिस कहती है कि उसने मेडिकल रिपोर्टो के आधार पर धाराएं लगायीं हैं लेकिन ह्त्या के केस में हत्या की धारा 302 शामिल नहीं है।

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TeamDigital