जेडीयू में बगावत: लालू का खुलासा ‘शरद यादव हमारे साथ’

जेडीयू में बगावत: लालू का खुलासा ‘शरद यादव हमारे साथ’

पटना। बीजेपी नीतीश कुमार हनीमून से नाराज़ जनता दल यूनाइटेड के सांसद और वरिष्ठ नेता शरद यादव ने भले ही इस मुद्दे पर खमोशी बना रखी है लेकिन अब यह बात सामने आ रही है कि कई नेताओं के मनाने के बावजूद भी शरद यादव ने नीतीश कुमार के फैसले को स्वीकार नहीं किया है।

न्यूज़ चैनल एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने खुलासा किया कि जदयू सांसद शरद यादव उनके सम्पर्क में हैं। लालू ने यह भी कहा कि शरद यादव ने उन्हें फोन भी किया था और शरद यादव उनके साथ हैं।

इससे पहले महागठबंधन तोड़ कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के फैसले से नाराज़ जदयू नेता शरद यादव ने गुरूवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष से मुलाकात की थी। इतना ही नहीं नीतीश कुमार के फैसले से नाराज़ सांसदों के साथ भी शरद यादव ने बैठक कर उन्हें इस मामले में एक दो दिन में फैसला लेने के लिए आश्वस्त किया था। असन्तुष्टो के साथ बैठक में शरद यादव ने कहा था कि वे राष्ट्रीय दलों के नेताओं से बातचीत कर इस मामले में अंतिम फैसला एक दो दिन में लेंगे।

इस मामले पर शरद यादव को मनाने के लिए बीजेपी द्वारा विशेष तौर पर भेजे गए अरुण जेटली ने भी शरद यादव को समझाने और केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए आग्रह किया था। बता दें कि बिहार में बीजेपी से हाथ मिलाकर सरकार बनाने वाली जेडीयू के दो सांसदों का मोदी सरकार में मंत्री बनना तय माना जा रहा है।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दावे से अब साफ़ हो गया है कि नीतीश कुमार और बीजेपी की शरद यादव को मनाने की कोशिशें नाकाम रहीं हैं। दरअसल शरद यादव बीजेपी के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता की अगुवाई का हिस्सा रहे हैं। यदि वे स्वयं एनडीए सरकार में शामिल होते हैं तो उनके सिद्धांतो पर सवाल उठेंगे।

ऐसे हालातो में शरद यादव के पास दो ही रास्ते हैं या तो वे ख़ामोशी बनाये रखें और जदयू के एनडीए में शामिल होने के बावजूद भी बीजेपी को घेरते रहें अथवा जदयू से अलग हो जाएँ। फिलहाल शरद यादव के फैसले का इंतज़ार है। सम्भावना है कि शरद यादव रविवार तक इस मामले में अपनी अंतिम राय सामने रखें।

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TeamDigital