जेएनयू छात्र संघ चुनाव के नतीजों पर दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई रोक
नई दिल्ली। दिल्ली के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविधालय (जेएनयू) में आज संपन्न हुए छात्र संघ चुनाव के परिणामो पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट में दो अलग अलग याचिका दायर की गयी थीं। एक याचिका में लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के उलंघन का आरोप लगाया गया है। इस याचिका में कहा गया है कि काउंसलर की संख्या 55 होनी चाहिए लेकिन इलेक्शन कमेटी ने अपना नया फार्मूला बनाकर उसको इस बार घटा दिया गया है।
वहीँ दूसरी याचिका में अंशुमन दुबे ने कहा कि उसने दो बार चुनाव लड़ने के लिए नामांकन किया था लेकिन दोनों बार गलत तरीके से उसका नामांकन ख़ारिज कर दिया गया और रिड्रेसल कमेटी ने उसका नामांकन ख़ारिज करने का कोई कारण नहीं बताया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने फिलहाल अगली सुनवाई 17 सितंबर को करने का फैसला किया है। कोर्ट ने अपने अगले आदेश तक जेएनयू छात्र संघ चुनावो के परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी है।
इससे पहले आज जेएनयू में छात्रसंघ के विभिन्न पदों के लिए हुए मतदान में करीब 9 हजार छात्रों ने मतदान किया। मतदान में बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया गया।
इस बार छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए छह प्रत्याशी मैदान में है। बीजेपी से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने भी सभी पदों के लिए उम्मीदवार खड़े किए हैं जबकि कांग्रेस से संबद्ध राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार खड़ा किया है।
वामपंथी दलों से जुड़े छात्र संगठनों ने सभी चार पदों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव पर अपने उम्मीदवार खड़े किये हैं। इन संगठनों में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन शामिल हैं।