जिस राफेल को सरकार 9% सस्ता बता रही थी, वह असल में 41% महंगा है: कांग्रेस

जिस राफेल को सरकार 9% सस्ता बता रही थी, वह असल में 41% महंगा है: कांग्रेस

नई दिल्ली। राफेल लड़ाकू विमान डील को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर मोदी सरकार कटघरे में खड़ा किया है। कांग्रेस ने कहा कि जिस राफेल को सरकार 9 फीसदी सस्ता बता रही है, असल में वह 41फीसदी महंगा है।

ट्विटर पर कांग्रेस ने कहा कि कांग्रेस ने ट्वीट करके दावा किया है कि मोदी सरकार ने प्रति विमान 41 फीसदी ज्यादा कीमत चुका कर राफेल की खरीदारी की है। कांग्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा, राफेल घोटाले में नया खुलासा. जिस राफेल को मोदी सरकार 9% सस्ता बता रही है, वो दरअसल प्रति विमान 41% ज्यादा महंगा है।

#90RafaleKhayaModi जैसे हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस पार्टी ने कहा कि 126 की बजाए 36 राफेल खरीदने के मोदी के फैसले से करतादाओं का प्रति विमान 41 फीसदी ज्यादा पैसा खर्च हुआ है। कांग्रेस ने अपने ट्वीट में पीएम मोदी और देश के बड़े उद्योगपति अनिल अंबानी की तस्वीर भी शेयर की है।

गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार इस बात को कहते रहे हैं कि राफेल विमान डील में बड़ा घोटाला हुआ है। उनका आरोप है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने राफेल डील बदलकर उधोगपति अनिल अम्बानी को 30 हज़ार करोड़ का फायदा पहुँचाया है।

राहुल गांधी का कहना है कि यदि डील में कोई झोल नहीं है तो सरकार जेपीसी से क्यों डर रही है। हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार को घेरे रखा था। उनका कहना था कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल डील को लेकर संसद में झूठ बोला है।

क्या है पूरा विवाद:

यूपीए सरकार ने 600 करोड़ रुपये में एक राफेल का सौदा किया था। अब बताया जा रहा है कि सरकार को एक राफेल करीब 1600 करोड़ रुपये का पड़ेगा। राफेल डील में 50 फीसदी ऑफसेट क्लॉज का प्रावधान है। यानि इस सौदे की पचास फीसदी कीमत को राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट को भारत में ही रक्षा और एयरो-स्पेस इंडस्ट्री में लगाना होगा।

इसके लिए दसॉल्ट कंपनी ने भारत की रिलायंस इंडस्ट्री से करार किया है। अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस इंडस्ट्री ने जो कंपनी बनाई है, उसके साथ मिलकर दसॉल्ट कंपनी भारत में ज्वाइंट वेंचर कर रही ह। ये दोनों मिलकर भारत में नागरिक विमानों के स्पेयर पार्ट्स बनाने जा रही हैं।

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि “36 राफेल आईजीए (इंटर गर्वमेंटल एग्रीमेंट) में ऑफसेट्स की मात्रा 50 फीसदी है, जिसमें योग्य उत्पादों और सेवाओं के निर्माण या रखरखाव के लिए प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण में निवेश शामिल हैं।”

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TeamDigital