जियो के विज्ञापन में पीएम मोदी की तस्वीर पर विपक्ष ने उठाये सवाल
नई दिल्ली। रिलायंस ग्रुप द्वारा शुरू किये गए जियो के विज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर प्रकाशित होने पर कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलो ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि सरकारी महकमों के विज्ञापनों में भी प्रधानमंत्री की तस्वीर की अनुमति लेना आसान नहीं होता, फिर निजी कंपनी को धड़ल्ले से इसकी अनुमति कैसे मिल गई।
वैसे, इस विज्ञापन में प्रधानमंत्री की तस्वीर का मुद्दा शुक्रवार सुबह सबसे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर उछाला। उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि मोदी किसके साथ खड़े हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 2019 के चुनाव में जनता इसका जवाब देगी।
केजरीवाल ने जहां इस मामले को लेकर अपने सियासी प्रहार को सोशल मीडिया तक ही सीमित रखा, वहीं कांग्रेस ने राजनीतिक चतुराई दिखाते हुए मीडिया में खुला बयान देकर इसे अपना मुद्दा बना लिया। कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि प्रधानमंत्री की तस्वीर के सरकारी विज्ञापनों में उपयोग के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं। मंत्रालयों को भी इसके लिए पीएमओ से अनुमति लेनी पड़ती है।
बिना इजाजत सरकारी विज्ञापनों में भी पीएम की फोटो नहीं छापी जा सकती। इसलिए पीएमओ को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि क्या रिलायंस ने इसके लिए इजाजत मांगी थी और क्या उसे यह अनुमति दी गई। उसे अनुमति नहीं दी गई है तो फिर सरकार को नियमों के हिसाब से कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। माकन ने पूछा कि अगर रिलांयस को यह इजाजत दी गई है तो फिर प्रधानमंत्री क्या चाकलेट, टॉफी या दूसरे उत्पाद बनाने वाली दूसरी कंपनियों को भी अपनी तस्वीर के उपयोग की अनुमति देंगे।
उन्होंने कहा कि मोदी प्रधानमंत्री हैं, इस लिहाज से एक कंपनी विशेष को उनकी तस्वीर का उपयोग अपने व्यावसायिक हित के लिए करने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए। साथ ही सरकार को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि बहुत सोच-समझकर ही विज्ञापनों में पीएम की तस्वीर के उपयोग की छूट दी जाए।