जिन्ना तस्वीर विवाद के बाद एएमयू को नए विवाद में फंसाने की साजिश

जिन्ना तस्वीर विवाद के बाद एएमयू को नए विवाद में फंसाने की साजिश

नई दिल्ली। हाल ही में अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के यूनियन हाल में लगी पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर पैदा किये गए विवाद के बाद अब एक और साजिश में एएमयू को फंसाने की कोशिश जा रही है।

एक छात्र ने अपने नंबर कम होने के कारण प्रवेश परीक्षा रोके जाने के कारण को धर्म से जोड़कर सनसनी फैलाने की कोशिश की है। उक्त छात्र दावा है कि उसे एलएलएम की परीक्षा में प्रवेश देने से इसलिए रोका गया क्यों कि उसके हाथ में कलावा बंधा हुआ था।

उक्त छात्र ने एएमयू प्रशासन पर धर्म के आधार पर भेदभाव करने का आरोप जड़ा लेकिन जल्द ही उसकी पोल भी खुल गयी। दरअसल एलएलएम की प्रवेश परीक्षा में भाग लेने के लिए एलएलबी/बीएएलएलबी में 55 फीसदी अंक जरूरी है जबकि आरोप लगाने वाले छात्र के 51.64 फीसदी अंक पाए गए ।

एएमयू प्रशासन ने छात्र के आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी में धार्मिक आधार पर भेदभाव का आरोप सरासर झूठा है। आरोप लगाने वाले छात्र के एलएलबी/बीएएलएलबी में मिले कम नंबर उसे एलएलएम की प्रवेश परीक्षा में भाग लेने की अनुमति नहीं देते।

एएमयू प्रशासन के अनुसार एलएलएम में प्रवेश के लिए निश्चित योग्यता और एलएलबी/बीएएलएलबी में प्राप्त अंको की जानकारी 16 अपात्र अभ्यर्थियों की सूचना पूर्व में लॉ फैकल्टी की वेबसाइट पर भी दी जा चुकी है।

वहीँ आरोप लगाने वाला छात्र अपनी निश्चित योग्यता और अपात्रता छिपाने के लिए इसे धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहा है। अपुष्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ लोग एएमयू में तनाव की स्थति बरकरार रखना चाहते हैं, इसलिए जिन्ना की तस्वीर जैसे मामले में फेल होने के बाद अब छात्र को एलएलएम में प्रवेश न मिलने को धार्मिक रंग देने की साजिश रच रहे हैं।

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TeamDigital