जाकिर नाईक और पीस टीवी चैनल पर सरकार ने कसा शिकंजा, दिखाने पर होगी कार्यवाही

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नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने मुस्लिम धर्म प्रचारक जाकिर नाइक के चैनल पीस टीवी के प्रसारण पर सख्ती बरतने का फैसला किया है। डायरेक्ट टू होम सर्विस प्रदाता व विभिन्ने केबल प्रसारणकर्ताओं को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे पीस टीवी का प्रसारण न करें। यूटीवी पर भी पीसी टीवी का यूआरएल ब्लाक करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।

साथ ही अन्य देशों में भी उसके प्रसारण को रोकने के लिए प्रयास किए जाएंगे। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने यह फैसला करने से पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कर उनसे इस मुद्दे पर लंबी मंत्रणा की थी।

ढाका पर आतंकी हमले के बाद जाकिर नाइक के भाषणों में आंतक को बढ़ावा देने का मामला सामने आने के बाद सरकार हरकत में आई है। सरकार ने नाइक के चैनल के साथ उसकी संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के खिलाफ शिकंजा कड़ा कर दिया है।

सूत्रों के अनुसार बीते सालों में पीस टीवी ने देश में प्रसारण के लिए दो बार लाइसेंल के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसे जांच पड़ताल के बाद खारिज कर दिया गया। ऐसे में बिना लाइसेंस के प्रसारण करने पर उसके उपकरण भी जब्त किए जा सकते हैं। सरकार राज्य व जिला मानीटरिंग कमेटियों को भी निर्देश देने जा रही है कि वो इस पर नजर रखें। सोशल मीडिया पर भी इसकी क्लिपिंग आदि पर नजर रखी जाएगी और रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई भी की जाएगी।

दिखाने पर होगी कानूनी दंडात्मक कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार सरकार इसके कनाडा, इंग्लैंड व मलेशिया में प्रसारण बैन करने भी प्रक्रिया जानने की कोशिश कर रही है। विदेश मंत्रालय इन देशों के साथ इस बारे में जानकारी जुटाएगा। पीस टीवी को लेकर सतर्क हुई सरकार देश में प्रतिबंधित अन्य चैनलों के प्रसारणों की भी जानकारी जुटा रही है। दोषी पाए जाने पर प्रसारणकर्ता व केबल आपरेटर पर सख्त कानूनी दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।

भाजपा ने कांग्रेस मांगा स्पष्टीकरण, दिग्विजय सिंह पर साधा निशाना
दूसरी तरफ भाजपा ने नाइक को देश दुनिया के लिए खलनायक बताते हुए इस मामले में केंद्र से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा नाइक को शांति दूत बताए जाने पर तीखी प्रतिक्रया जताई है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसके नेता आतंकियों को ओसामाजी, हाफिज साहिब, गुरुजी जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर उसका महिमामंडन व राजनीतिकरण करते रहें हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस बारे में पार्टी की नीति स्पष्ट करनी चाहिए।

साध्वी प्रज्ञा से राजनाथ सिंह की मुलाकात का खंडन
दिग्विजय सिंह के साध्वी प्रज्ञा के मामले से इसकी तुलना करने की भी भाजपा ने भर्त्सना की और कहा कि वह कांग्रेस सरकार का एक षणयंत्र था। शर्मा ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह की जेल में बंद रही साध्वी प्रज्ञा से मुलाकात का भी खंडन किया है।

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