जस्टिस लोया मामले में सुप्रीमकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
नई दिल्ली। जस्टिस लोया की संदिग्ध मौत की निष्पक्ष जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीमकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। शुक्रवार को कांग्रेसी नेता तहसीन पूनावाला, पत्रकार बीएस लोने, बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन सहित अन्य द्वारा जज लोया की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग वाली याचिकाओं पर दलीलें पूरी हो गईं।
इस मामले में दलीलों पर सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जज बीएच लोया की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग वाली याचिकाएं एक राजनीतिक व्यक्ति को निशाना बनाने के मकसद से दायर की गई है।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने पीठ के समक्ष कहा कि न्यायपालिका के संरक्षण का ढोंग रचकर याचिकाकर्ता एक व्यक्ति विशेष पर निशाना साध रहे हैं।
उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता एक राजनीतिक व्यक्ति को टारगेट कर रहे हैं। याचिकाकर्ता का मंशा है कि मामले को इसी तरह तूल मिलता रहे। याचिकाकर्ता यह संदेश फैलाने की कोशिश कर रहा है कि जज, पुलिस, डॉक्टर सहित सभी के साथ समझौता किया गया।
रोहतगी ने कहा कि इस तरह के घातक प्रचलन को शीघ्र रोका जाना चाहिए। रोहतगी ने कहा कि जजों को संरक्षण देना चीफ जस्टिस का कर्तव्य है और उनके द्वारा यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कानून का शासन चलता रहे।