जस्टिस लोया मामले की सुनवाई के दौरान अमित शाह के नाम पर तीखी बहस
नई दिल्ली। जस्टिस लोया की मौत के मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीमकोर्ट में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के नाम का ज़िक्र होने पर कोर्ट में तीखी बहस होने की खबर है। इस मामले में महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पैरवी कर रहे हैं।
याचिकाकर्ता दुष्यंत दवे ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से हरीश साल्वे के पैरवी करने का विरोध किया। दवे ने सुनवाई के दौरान कहा कि साल्वे ने पहले अमित शाह की ओर से इस मामले में पैरवी की थी और अब महाराष्ट्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे हैं, ये गलत है।
सुनवाई में सुप्रीमकोर्ट ने हाईकोर्ट में चल रही लोया मामले की सुनवाई पर रोक लगा दी है और सभी केस को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने को कहा है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच द्वारा की जा रही है।
सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अभी तक की रिपोर्ट को देखते हुए यह एक प्राकृतिक मौत है। जिस पर याचिकाकर्ता दुष्यंत दवे ने तर्क दिया कि इस मामले पर सरकार का जो रुख रहा है, वह सही नहीं है. हो सकता है कि ये एक प्राकृतिक मौत हो, लेकिन परिस्थिति को देखते हुए शक की गुंजाइश है, लिहाजा जांच लाजिमी है।
इस मामले में महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे हरीश साल्वे ने कहा कि जब पेपर्स के अनुसार ये एक प्राकृतिक मौत है, तो फिर अमित शाह का नाम इसमें क्यों आ रहा है। हमें याचिकाकर्ता से किसी तरह की सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मीडिया में आई कुछ रिपोर्ट यह कहती हैं कि जज लोया की मौत संदिग्ध थी लेकिन अभी तक इस मामले से जुडी रिपोर्ट में ये कहा गया है कि ये मौत प्राकृतिक ही थी।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि किसी भी हाईकोर्ट में अब जज लोया से जुड़े मामले की सुनवाई नहीं होगी। बॉम्बे हाईकोर्ट में जो दो याचिकाएं पेंडिंग हैं, उन्हें भी सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर किया जाए. कोर्ट ने दोनों पक्षकारों से कहा है कि वे अपने दस्तावेज सीलबंद कर कोर्ट को सौंपे। इस मामले की अगली सुनवाई 2 फरवरी, दोपहर दो बजे होगी।
बता दें कि हाल ही में जस्टिस लोया के बेटे अनुज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि उन्हें अपने पिता की मौत के मामले में कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कहा था कि इस मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
वहीँ अनुज लोया की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद इस प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठे थे क्यों कि जस्टिस लोया के एक पुराने मित्र भी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मौजूद थे और उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान स्वीकार किया कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उनके लिए इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया है।
वहीँ इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले सुप्रीमकोर्ट के चार जजों ने भी अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद चीफ जस्टिस के नाम लिखे एक पत्र में जस्टिस लोया की मौत का मामला भी उठाया था।