जस्टिस लोया केस से जुड़ी याचिका पर 22 जनवरी को होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
नई दिल्ली। जस्टिस लोया मामले से जुडी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अब सोमवार को सुनवाई करेगा। यह याचिका कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला द्वारा दायर की गयी है।
इस याचिका में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बी एच लोया की कथित तौर पर रहस्यमयी तरीके से मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की तारीख 22 जनवरी तय की और याचिकाओं को उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर तथा न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला और महाराष्ट्र के पत्रकार बी एस लोन की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की उपयुक्त पीठ सुनवाई करेगी।
पूनावाला की तरफ से पेश हुए वकील वरिंदर कुमार शर्मा ने कहा कि न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायामूर्ति एम एम शांतानागौदर की पीठ की तरफ से पारित आदेश के परिप्रेक्ष्य में वे सुनवाई की तारीख पर स्पष्टीकरण चाहते हैं।
सीजेआई की पीठ ने कहा कि रोस्टर के मुताबिक 22 जनवरी 2018 को उपयुक्त पीठ के समक्ष मामले को सूचीबद्ध किया जाए। इसने महाराष्ट्र सरकार पर यह निर्णय छोड़ दिया था कि लोया की मौत से जुड़े किन दस्तावेजों को याचिकाकर्ताओं को सौंपा जा सकता है।
बता दें कि हाल ही में जस्टिस लोया के बेटे अनुज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि उन्हें अपने पिता की मौत के मामले में कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कहा था कि इस मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
वहीँ अनुज लोया की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद इस प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठे थे क्यों कि जस्टिस लोया के एक पुराने मित्र भी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मौजूद थे और उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान स्वीकार किया कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उनके लिए इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया है।
वहीँ इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले सुप्रीमकोर्ट के चार जजों ने भी अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद चीफ जस्टिस के नाम लिखे एक पत्र में जस्टिस लोया की मौत का मामला भी उठाया था।