जज लोया केस: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान स्वतंत्र जांच की मांग
नई दिल्ली। सीबीआई के विशेष जज बीएच लोया की मौत के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरू कर दी। इस दौरान वकील दुष्यंत दवे ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुआई वाली तीन जजों की बेंच से अपील में कहा कि इस मामले की स्वतंत्र जांच कराई जानी चाहिए।
बता दें कि जस्टिस लोया की मौत को लेकर मीडिया में उठे सवालो पर उनके बेटे अनुज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि वे अपने पिता की मौत से दुखी हैं। वे नहीं चाहते कि इस मामले का राजनीतिकरण किया जाए।
इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले सुप्रीमकोर्ट के चार जजों द्वारा चीफ जस्टिस के नाम लिखे गए पत्र में जस्टिस लोया की मौत को संदिग्ध बताते हुए उनकी मौत की हाई लेवल जांच की मांग की गयी थी।
जस्टिस लोया के बेटे अनुज ने कहा कि उनका परिवार मीडिया रिपोर्ट्स दुखी है, उन्होंने कहा कि उनके परिवार को और परेशान न किया जाए, वह इससे बाहर निकलना चाहते हैं।
अनुज ने कहा कि उन्हें अपने पिता की मौत को लेकर किसी पर संदेह नहीं है और न ही उनके परिवार की तरफ से किसी का नाम लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
वहीँ दूसरी तरफ जस्टिस लोया के पारवारिक मित्र काटके ने कहा कि जस्टिस लोया की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है, लोग उनके परिवार को बेवजह परेशान कर रहे हैं।
बता दें कि जज लोया की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में दो याचिका लगाई गईं हैं। इनमें इस केस की अलग से जांच कराने की मांग की गई है। एक याचिका महाराष्ट्र के पत्रकार बीआर लोन ने जबकि दूसरी, कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने दाखिल की है।
जस्टिस लोया सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे। 1 दिसंबर 2014 को वे नागपुर में अपने सहकर्मी की बेटी की शादी में जा रहे थे, तभी दिल का दौरा पड़ने से उनकी कथित तौर पर संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी।