छत्तीसगढ़ बीजेपी में बगावत, पूर्व विधायक का इस्तीफा
रायपुर। बीजेपी आलाकमान ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि छत्तीसगढ़ में टिकिट को लेकर पार्टी के अंदर ही इस तरह का तूफान आ जायेगा। राज्य में बीजेपी ने 90 विधानसभा सीटों में से 78 पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं लेकिन दो दर्जन से अधिक सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों का विरोध हो रहा है।
पार्टी के कार्यकर्त्ता महासचिव सरोज पांडे पर अपने करीबियों को टिकिट दिलवाने का आरोप लगा रहे हैं। बीजेपी उम्मीदवारों का बीजेपी के कार्यकर्त्ता ही विरोध कर रहे हैं। टिकिट से वंचित कई दावेदार पार्टी मुख्यालय पर डेरा जमाये बैठे हैं।
इस बीच रायगढ़ में बीजेपी के पूर्व विधायक विजय अग्रवाल ने पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी के अधिकृत उम्मीदवार रोशनलाल अग्रवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
पार्टी उम्मीदवारों के विरोध का सिलसिला साजा, दंतेवाड़ा, दुर्ग,अभनपुर, कांकेर, नारायणपुर, बिलासपुर सहित करीब दो दर्जन से ज्यादा विधान सभा सीटों पर भी जारी है। पार्टी का टिकिट न मिलने से आहत कई टिकिट के दावेदार निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं।
इससे पहले पार्टी मुख्यालय में महासचिव सरोज पांडे के समक्ष भी बीजेपी कार्यकर्त्ता अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं। पार्टी ने जिन्हे उम्मीदवार घोषित किया है उनके सामने अजीबोगरीब स्थति पैदा हो गयी है। नाराज़ पार्टी कार्यकर्ताओं ने खुले तौर पर एलान कर दिया है कि वे चुनाव में बीजेपी के लिए काम करने की जगह घर बैठना बेहतर समझेंगे।
पार्टी के भीतर तेजी से फैल रहे असंतोष और बगावत को रोकने के लिए बीजेपी ने साजा विधान सभा सीट में दर्जन भर से ज्यादा कार्यकर्ताओं की पार्टी से छुट्टी कर दी है। उन्हें 5 साल तक के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्य्ता से निलंबित कर दिया गया है।
वहीँ पार्टी कार्यकर्ताओं की बगावत पर मुख्यमंत्री रमन सिंह की दलील है कि इतनी बड़ी पार्टी में कार्यकर्ताओं की नाराजगी सामान्य बात है। हर किसी को खुश नहीं किया जा सकता लेकिन यह उनके परिवार का मसला है। इसलिए पार्टी स्तर पर ही इसे सुलझा लिया जाएगा।