चुनाव पूर्व बजट को लेकर चुनाव आयोग ने सरकार से माँगा जबाव
नई दिल्ली । एक फरवरी को बजट पेश करने के केंद्र सरकार के इरादे पर सवाल करते हुए चुनाव आयोग ने सरकार से जबाव माँगा है । इस संदर्भ में चुनाव आयोग ने कैबिनेट सेक्रेटरी प्रदीप कुमार सिन्हा को पत्र लिखा है। हालाँकि यह भी कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग सरकार के वैधानिक काम में दखल नहीं दे सकता है, वह केवल सरकार को बता सकता है कि चुनावो की निष्पक्षता पर क्या प्रभाव पड़ सकता है ।
गौरतलब है कि विपक्ष ने चुनाव आयोग से मिलकर निवेदन किया था कि उत्तर प्रदेश सही पांच राज्यो में होने जा रहे विधानसभा चुनावो के मद्देनज़र बजट पेश करने की तारीख में बदलाव होना चाहिए क्यों कि 4 फरवरी से यूपी, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में चुनाव होने हैं ।
विपक्षी पार्टियों का कहना है कि यह तारीख आगे बढ़ा दी जाए। चुनाव आयोग से मिलने वाले दल में कांग्रेस, तृणमूल, समाजवादी पार्टी, बसपा, जनता दल युनाइटेड और लालू यादव की पार्टी आरजेडी के नेता शामिल थे।
विपक्ष का कहना है कि बजट को चुनावी परिणामों के बाद पेश किया जाना चाहिए और अगर ऐसा पहले किया गया तो सरकार आसानी से लोक-लुभावन घोषणाओं से मतदाताओं को अपनी ओर खींच सकता है।
कांग्रेस ने कहना है कि ‘चुनाव आयोग यह देखता है कि ऐसी कोई परिस्थिति पैदा न हो जिससे निष्पक्ष चुनाव का आयोजन विफल हो जाए।’ हालांकि बीजेपी का कहना है कि बजट की तारीख को आगे बढ़ाने की कोई वजह नहीं है क्योंकि हर साल, कोई न कोई चुनाव जरूर होता है. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 2014 में भी बजट चुनाव से पहले ही पेश किया गया था।