चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगे आरोपों की जाँच के लिए बना तीन जजों का पैनल

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगे आरोपों की जाँच के लिए बना तीन जजों का पैनल

नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगाए गए यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए सुप्रीमकोर्ट ने तीन जजों का एक पैनल तैयार किया है। इन जजों में जस्टिस एस ए बोबड़े, एन वी रमन और इंदिरा बनर्जी शामिल हैं। जस्टिस बोबड़े रंजन गोगोई के बाद सबसे वरिष्ठ जज हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, संपर्क किए जाने पर न्यायमूर्ति बोबडे ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की। वरिष्ठता क्रम के मुताबिक वह सीजेआई के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं। उन्होंने बताया कि नंबर 2 जज होने के नाते प्रधान न्यायाधीश ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा उनके (सीजेआई के) खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरापों की जांच के लिए नियुक्त किया है।

न्यायमूर्ति बोबडे ने बताया कि उन्होंने शीर्ष न्यायालय के दो न्यायाधीशों- न्यायमूर्ति एन वी रमन और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी को शामिल कर एक समिति गठित की है।

न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा, ‘‘मैंने समिति में न्यायमूर्ति रमन को शामिल करने का निर्णय लिया है क्योंकि वह वरिष्ठता में मेरे बाद हैं और न्यायमूर्ति बनर्जी को इसलिये शामिल किया गया है क्योंकि वह महिला न्यायाधीश हैं।’’

सीबीआई, आईबी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर तलब:

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सीबीआई, आईबी और दिल्ली पुलिस के प्रमुखों को चीफ जस्टिस रंजन गोगाई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में शीर्ष अदालत में पेश होने के लिए कहा।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने की साजिश रचने का दावा करने वाले वकील उत्सव बैंस ने आज एक सीलबंद कवर में सुप्रीम कोर्ट को सबूत पेश किया। मामले की सुनवाई आज ही 3 बजे से होगी। कोर्ट ने वकील उत्सव बैंस को सुरक्षा देने का निर्देश भी दिया है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अदालत ने सीबीआई, आईबी और दिल्ली पुलिस प्रमुखों को निर्देश दिया कि वे सीजेआई रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने के बड़े वकील की दावेदारी की सुनवाई कर रहे न्यायाधीशों से मुलाकात करें। इस मामले की सुनवाई तीन जजों की विशेष पीठ कर रही है, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस अरुण मिश्रा कर रहे हैं।

पीठ ने कहा कि वह सीबीआई और आईबी निदेशकों और दिल्ली पुलिस आयुक्त से ‘गुप्त’ मुलाकात करेगी। पीठ ने जस्टिस आर एफ नरीमन और दीपक गुप्ता ने कहा कि यह जांच नहीं है। हम इन अधिकारियों से गुप्त रूप से मुलाकात कर रहे हैं। हम नहीं चाहते हैं कि किसी भी सबूत का खुलासा किया जाए।

गौरतलब है कि वकील उत्सव सिंह बैंस ने अपने दावों के बारे में सुप्रीम कोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की है कि भारत के चीफ जस्टिस को यौन उत्पीड़न मामले में फंसाने की साजिश थी।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital