चीफ जस्टिस की मोदी सरकार को फटकार : ‘क्या यहां कोई पंचायत चल रही है?’
नई दिल्ली । भारत के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने शुक्रवार को केंद्र की मोदी सरकार को कड़ी फटकार सुनाते हुए कहा कि केंद्र सरकार खुद ठीक से काम नहीं करती और आरोप जजों और कोर्ट पर लगाती है। टीएस ठाकुर ने यह फटकार परिवहन मंत्रालय से जुड़ी याचिकाओं वाले मामले पर लगाई है।
इन याचिकाओं में सड़क हादसों पर केंद्र सरकार का पक्ष पूछा गया था। जिसका जवाब सरकार ने तीन जनहित याचिकाओं के बाद भी नहीं दिया। इन याचिकाओं की सुनवाई टीएस ठाकुर ही कर रहे थे। शुक्रवार को भी सरकार का कोई पक्ष ना आने पर टीएस ठाकुर ने फैसला सुनाते हुए परिवहन मंत्रालय पर 25 हजार रुपए का जुर्मना लगा दिया है। फैसला सुनाते हुए टीएस ठाकुर ने कहा, ‘सरकार ज्यादातर मामलों में वादी होती है फिर भी कोर्ट को ठीक से काम ना करने के लिए कोसा जाता है।’
SC pulls up Centre for not filing it's response in a matter pertaining to road accidents,imposes cost of Rs 25,000 on transport ministry
— ANI (@ANI) August 12, 2016
वहीं फटकार लगाते हुए टीएस ठाकुर ने केंद्र के लिए कठोर शब्द भी बोले। उन्होंने कहा, ‘तुमने पिछले एक साल से काउंटर एफिडेविट नहीं भरा है। क्या यहां कोई पंचायत चल रही है?’ वहीं 25 हजार का जुर्माना लगने के बाद अटोर्नी जनरल ने भरोसा दिया है कि सरकार तीन हफ्ते में अपना जवाब दे देगी।
Attorney General assures Supreme Court that the response will be filed within three weeks.
— ANI (@ANI) August 12, 2016
चीफ जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर 25 अप्रैल को हुए एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भावुक भी हो गए थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी मुकदमों की लगातार बढ़ती संख्या और जजों की संख्या को मौजूदा 21 हजार से 40 हजार करने की दिशा में सरकार की निष्क्रियता पर अफसोस भी जताया था। उन्होंने कहा था कि सरकारें सारा बोझ न्यायपालिका पर नहीं डाल सकतीं।
Chief Justice Thakur says. 'You(Centre) have not filed counter affidavit for more than a year, is this a Panchayat going on here?'
— ANI (@ANI) August 12, 2016
जजों की नियुक्ति को लेकर चल रहे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को चेताया कि अगर रूकावट खत्म नहीं हुई तो न्यायपालिका को दखल देना पड़ेगा। कोर्ट ने सरकार के अविश्वास पर भी सवाल किया। सरकार मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर में जजों की नियुक्ति में विवादित मुद्दों पर अपने रूख पर अडिग है।
सरकार ने एक सप्ताह पहले कॉलेजियम की आपत्तियों पर काम करने से मना कर दिया था। जजों की कमी और खाली पदों को भरने में देरी के मामले में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से कहा, ”जजों की नियुक्ति में रूकावट हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। इससे न्यायिक कार्यों का गला घोंटा जा रहा है।